कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर झगड़ा अभी से शुरू हो गया - नतीजे आने पर क्या होगा?
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राहुल गांधी पांच साल तक राजस्थान का झगड़ा नहीं सुलझा पाये. मध्य प्रदेश में तो सवा साल बाद ही ये मौका भी खत्म हो गया था, छत्तीसगढ़ में भी टीएस सिंह देव को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाने का उनका वादा अधूरा ही रहा. ताजा मुश्किल ये है कि टीएस सिंह देव ने अभी से अपना इरादा जाहिर कर दिया है.
अभी तो विधानसभा चुनावों में वोटिंग का दौर ही चल रहा है. नतीजे आने में अभी काफी वक्त है, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी कलह अभी से सामने आने लगी है - अंदर तो आग जगह जगह लगी हुई है, लेकिन पहला धुआं छत्तीसगढ़ में दिखाई पड़ा है.
और राजस्थान के झगड़े को लेकर तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहले ही हाथ खड़े कर दिये हैं. आज तक के साथ एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी से पूछा गया कि कांग्रेस अगर राजस्थान में चुनाव जीतती है तो क्या अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री रहेंगे?
प्रियंका गांधी का कहना है, 'इस सवाल का जवाब मैं नहीं दे सकती... इसका जवाब खड़गे जी देंगे.' मतलब, राजस्थान के मामले में प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने की सूरत में मुख्यमंत्री पद का झगड़ा सुलझाने की टेंशन अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ही है.
आपको ध्यान होगा, 2018 में मुख्यमंत्री पद का झगड़ा जब राहुल गांधी नहीं सुलझा पा रहे थे, तो ये काम प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने हाथ में ले लिया था. कहने को तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी तरफ से झगड़ा सुलझा भी दिया था, लेकिन बाद में पता चला कि उन्होंने तो झगड़ा सिर्फ टाल दिया था. मध्य प्रदेश में तो झगड़ा सरकार गंवाने के साथ ही खत्म हो गया, लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में काफी लंबा चला. राजस्थान में तो अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को अपनी सरकार के आस पास फटकने तक नहीं दिया, लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाने को राजी हो गये.
अब वही टीएस सिंह देव चुनाव नतीजे आने के पहले ही अपना हक मांगने लगे हैं. वर्ल्ड कप क्रिकेट का हवाला देते हुए टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अभी से दावेदारी भी जता डाली है - और मौका देख कर मोहम्मद शमी का नाम लेते हुए छत्तीसगढ़ के मामले में खुद को मैन ऑफ द मैच बता रहे हैं.
टीएस सिंह देव के लिए बुरी बात ये है कि प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के झगड़ों से पहले ही पल्ला झाड़ लिया है. वैसे प्रियंका गांधी अगर कांग्रेस के झगड़े नहीं सुलझाएंगी तो कांग्रेस में उनकी क्या भूमिका रह गयी है, खासकर विधानसभा चुनावों में. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रियंका गांधी की भूमिका पर सवाल खड़े कर चुके हैं, ये बोल कर कि वो पार्ट टाइम नेता हैं.
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