
कल तक नहीं दी 88 लाख फीस तो अमेरिका में No Entry! ट्रंप का 'वीजा बम' भारतीयों के लिए बड़ी मुसीबत
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से एक सख्त फैसला लिया गया है. इसमें कहा गया कि मौजूदा वीजा होल्डर्स सहित सभी H1-B कर्मचारियों को अपनी कंपनी के जरिए हर साल 100,000 अमेरिकी डॉलर (88 लाख रुपये से ज्यादा) का भुगतान करना होगा, वरना रविवार से उन्हें देश में दाखिल होने से रोक दिया जाएगा.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी H-1B वीजा के लिए फीस को अब एक लाख अमेरिकी डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये करने का ऐलान किया है. ट्रंप की तरफ से शुक्रवार को लिए गए फैसले के बाद मौजूदा वीजा होल्डर्स समेत H-1B कर्मचारियों को रविवार से अमेरिका में एंट्री लेने से रोक दिया जाएगा, जब तक कि उनकी कंपनी कर्मचारी के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर की सालाना फीस का भुगतान नहीं करेगी.
रविवार तक की डेडलाइन तय
यात्रा प्रतिबंध और फीस की जरूरत रविवार (21 सितंबर) को रात 12:01 बजे EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे) के बाद अमेरिका में दाखिल होने वाले किसी भी H-1B होल्डर पर लागू होगी. आदेश में कहा गया है कि नए H-1B और वीजा एक्सटेंशन के लिए एक लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना होगा और उसके बाद उसे जारी रखने के लिए हर साल 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना होगा.
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आदेश में कहा गया है, 'यह ऐलान गृह सुरक्षा विभाग को व्यक्तिगत विदेशी नागरिकों, किसी विशेष कंपनी में काम करने वाले विदेशी नागरिकों, या किसी विशिष्ट उद्योग में काम करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए प्रतिबंध में छूट देने की इजाजत देता है, अगर एजेंसी के हिसाब से H-1B राष्ट्रीय हित में पाया जाता है और अमेरिकी सुरक्षा या कल्याण के लिए खतरा पैदा नहीं करता है.'
वीजा के लिए सालाना 88 लाख फीस

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