कभी गांधी, कभी मुसलमान... चुनाव आते ही क्यों शुरू हो जाती है भड़काऊ बयानबाजी?
AajTak
जैसे-जैसे 5 राज्यों के चुनाव की तारीखें नजदीक आ रहीं हैं, वैसे-वैसे भड़काऊ बयानबाजी भी तेज हो गई है. कभी धर्म संसद में महात्मा गांधी और मुसलमानों से जुड़ी विवादित बातें कहीं जा रहीं हैं, तो कोई मुसलमानों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दे रहा है.
पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. रैलियों के दौर में बयानबाजियां तो हो ही रही हैं धर्म संसद और दूसरे समारोहों में उगली जा रही 'आग' सुर्खियों में है. मुसलमानों के साथ महात्मा गांधी निशाने पर आ गए हैं. कोई घर वापसी की बात कर रहा तो कोई ज्यादा बच्चे पैदा करने की, कुछ हथियार उठाने की वकालत कर रहे हैं. सड़क पर नमाज को गुनाह की श्रेणी में लाने की कोशिश जारी है. चर्चों को धर्मांतरण के अड्डे घोषित कर कई जगह हमले हुए हैं. हिंदू और मुसलमान दोनों को समझाया जा रहा है कि धर्म खतरे में है. ऐसी घटनाओं से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा क्या है कि चुनाव के आते हैं ऐसे वाकये बढ़ जाते हैं? कहीं यह साजिश तो नहीं?
पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.