एक थाली लो, एक मुफ्त... लालच में आकर महिला ने किया Facebook लिंक पर क्लिक, उड़ गए 90 हजार
AajTak
राजधानी दिल्ली से ऑनलाइन ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें महिला को एक नामी रेस्टोरेंट की ऐप को डाउनलोड करके अच्छे फूड ऑफर्स देने का लालच दिया गया. फिर उसके अकाउंट से 90 हजार रुपये उड़ा लिए. चलिए जानते हैं इस पूरे मामले को...
आए दिन ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड के तरीके भी बदल रहे हैं और अलग-अलग नए-नए तरीकों से ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आने लगे हैं. राजधानी दिल्ली से भी ऑनलाइन ठगी का एक ऐसा ही मामला सामने आया है.
यहां महिला को एक नामी रेस्टोरेंट की ऐप को डाउनलोड करके अच्छे फूड ऑफर्स देने का लालच दिया गया. फिर ठगों ने उसके अकाउंट से 90 हजार रुपये उड़ा लिए.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मामला 27 नवंबर 2022 का है. लेकिन उसने इसकी रिपोर्ट 2 मई को साइबर सेल में दर्ज करवाई. पीड़ित महिला का नाम सविता शर्मा (40) है. वह एक बैंक ऑफिसर हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल उनकी एक दोस्त का उन्हें कॉल आया.
दोस्त ने फेसबुक का एक लिंक भेजा और कहा कि इस एप्लिकेशन को डाउनलोड करके उसे अच्छे फूड ऑफर मिलेंगे. महिला ने उस लिंक को खोला तो वहां किसी का नंबर दिया हुआ था. उसने उस नंबर पर कॉल किया. लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया. थोड़ी देर बाद उसे एक अन्य नंबर से कॉल आया.
ये भी पढ़ें: दोस्त बनकर किया फोन... मदद के नाम नाम पर ऑनलाइन फ्रॉड कर दंपति से ठगे 1.50 लाख रुपये
कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि वह सागर रत्न रेस्टोरेंट से बात कर रहा है. महिला से कहा गया कि अगर वह उनकी ऐप को डाउनलोड करती है तो उसे एक खाने की थाली के बदले दूसरी मुफ्त दी जाएगी. महिला उसकी बातों में आ गई. उसने कॉलर द्वारा भेजी गई ऐप को डाउनलोड किया. यूजर नेम और पासवर्ड भी कॉलर ने ही महिला को दिया.
केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी के हस्तक्षेप के कारण, केजरीवाल को अपने कानूनी मामलों के लिए लीगल मीटिंग करने की अनुमति नहीं है और हफ्ते में सिर्फ 2 लीगल मीटिंग की अनुमति है. यदि आप भी समय देंगे, तो भी हमारे पास केजरीवाल के जवाब नहीं होंगे, तो हम कोई जवाब कैसे दाखिल कर सकते हैं? हमें अरविंद केजरीवाल से निर्देश नहीं मिल पा रहे हैं.'
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद आजतक ने गृह मंत्री अमित शाह से खास बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के 400 पार और बीजेपी नेताओं के 'संविधान में संशोधन' जैसे बयानों पर उन्होंने खुलकर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी की ऐसी कोई योजना नहीं है कि सीटें मिलने के बाद संविधान में संशोधन करेंगे या सेक्युलर शब्द हटाएंगे.
उत्तर प्रदेश और बिहार में मतदान का अब तक का बहुत कम प्रतिशत देखने को मिला है. गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हैदराबाद के असदुद्दीन ओवैसी ने अपना नामांकन दाखिल किया है. चुनावी हिंसा की खबरें भी कई हिस्सों से सामने आई हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस बात की जांच करने के लिए सहमत हो गई है कि क्या जिला मजिस्ट्रेट एक नियमित मामले के रूप में चुनाव से पहले धारा 144 लागू कर सकते हैं? याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जब तक शांति भंग होने की आशंका न हो आप धारा 144 लागू करने का आदेश जारी नहीं कर सकते.