
एक करोड़ डॉलर का इनामी आतंकी है अब एक देश का राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रंप ने इसलिए मिलाया हाथ, जानें पूरी कहानी
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डोनाल्ड ट्रंप ने जिस शख्स से हाथ मिलाया, वो कभी अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी था—अब वही शख्स सीरिया का कार्यवाहक राष्ट्रपति बन चुका है. अमेरिका ने उसे मान्यता देकर सीरिया से पाबंदियां हटा ली हैं. जानिए इस नाटकीय बदलाव की पूरी कहानी.
ओसामा बिन लादेन, अल-जवाहिरी और अबू बकर अल बगदादी. शायद बताने की जरूरत नहीं है कि ये तीनों कौन हैं. इनमें से हर एक अपने अपने वक्त का सबसे बड़ा आतंकी आका रहा है. चाहे वो अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन हो, उसका उत्तराधिकारी अल-जवाहिरी या आईएसआईएस का सबसे खूंखार चेहरा अबू बकर अल बगदादी. जानते हैं आतंक को छोड़ दें तो इन सभी में एक जैसी क्या चीज है? ये सभी के सभी अपने अपने वक्त में अमेरिका के पैदा किए हुए आतंकवादी हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर अमेरिका ने अपने फायदे के लिए पाला-पोसा बड़ा किया और फिर जब काम निकल गया तो इन्हें ठिकाने लगा दिया.
अब बात उस तस्वीर की, जिसे देखकर दुनिया हैरान है. डोनाल्ड ट्रंप को कौन नहीं जानता. पिछले कुछ दिनों से तो भारत और दुनिया भर में इनकी चर्चा हो रही है. क्योंकि यही तो वो हैं, जिन्होंने अचानक भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर का बम फोड़ा था. उस तस्वीर में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में जिस शख्स का हाथ है, जिस शख्स के साथ वो बेहद गर्मजोशी से हाथ मिला रहे हैं, शायद उनकों लोग नहीं जानते होंगे. तो उनका असली परिचय कराने से पहले एक पुराना परिचय भी जान लें. उस शख्स को यूएन यानि संयुक्त राष्ट्र ने और फिर खुद अमेरिका ने ना सिर्फ एक आतंकवादी घोषित किया था बल्कि इनके सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा था.
अब आप सोच रहे होंगे कि एक करोड़ डॉलर के इनामी आतंकवादी के साथ भला अमेरिकी राष्ट्रपति फोटो क्यों खिंचवा रहे हैं. उनसे हाथ क्यों मिला रहे हैं. तो साहब यही तो असली अमेरिका है. अपने फायदे के लिए जंग छेड़ता है, अपने फायदे के लिए सीजफायर कराता है और अपने फायदे के लिए किसी आतंकवादी के साथ फोटो भी खिंचा लेता है. लेकिन हां, यहां थोड़ा सा करेक्शन है. बुधवार यानि 14 मई को जिस वक्त डोनाल्ड ट्रंप उस शख्स से हाथ मिला रहे थे, तब वो शख्स सीरिया का कार्यवाहक राष्ट्रपति था. जिसका नाम है अहमद हुसैन अल शरा. वैसे दुनिया उन्हें अबू मोहम्मद अल जुलानी या गोलानी के नाम से ज्यादा जानती है.
दिसंबर 2024 में जब 20 सालों तक हुकुमत करने के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सीरिया छोड़कर रुस भाग गए थे, उसी के बाद इस साल जनवरी में जुलानी को सीरिया का अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने अपना नाम अहमद हुसैन अल शरा रख लिया. चूंकि अल जुलानी सीरिया के गृह युद्ध में बगदादी और जवाहिरी से सीधे संपर्क में थे. बगदादी के लिए नए लड़कों की भर्ती का काम किया करते. हथियारों की सप्लाई करते थे. इसी वजह से उन्हें संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट डिक्लेयर किया था.
इतना ही नहीं हयात तहरीर अल शाम नाम के जिस संगठन तले वो सीरिया में असद सरकार के खिलाफ लड़ रहे थे, उस संगठन को भी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था. लेकिन अब उसी अमेरिका ने ना सिर्फ अल गुलानी की सरकार को मान्यता दे दी. बल्कि सीरिया पर लगे सभी तरह की पाबंदियों को भी हटा दिया. इसका ऐलान खुद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चार दिनों के खाड़ी देश के दौरे के दौरान किया.
दरअसल, असद सरकार पर विभिन्न आतंकवादी संगठनों पर राजनीतिक और सैन्य समर्थन देने के नाम पर 1979 में अमेरिका ने सीरिया और असद सरकार पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे. तबसे ये पाबंदी जारी थी. असद सरकार को रुस का समर्थन हासिल था. सीरिया में जारी गृह युद्ध को बशर अल असद रूस की मदद से लगातार कुचलने का काम कर रहे थे. जबकि अमेरिका असद सरकार के खिलाफ था. इसीलिए उसने गृह युद्ध में शामिल असद विरोधियों को हथियार और आर्थिक तौर पर मदद देनी शुरु कर दी.

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