
उत्तराखंड में मजार तो हिमाचल में मस्जिद की लड़ाई... पहाड़ों का सियासी एजेंडा क्या बदल रहा है? 6 points में समझें
AajTak
हिमाचल प्रदेश में संजौली की जिस मस्जिद को लेकर बवाल बढ़ रहा है उसे लेकर मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ये मस्जिद आज़ादी से पहले की है और वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है. जबकि प्रशासन का कहना है कि इस जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है., जिस पर बाद में वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया.
दो पहाड़ी राज्यों हिमाचल और उत्तराखंड में मस्जिदों और मजारों को लेकर लगातर बवाल हो रहा है. ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के संजौली का है जहां अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर स्थानीय लोग सड़कों पर हैं. इसी तरह का मामला कुछ समय पहले उत्तराखंड में भी सामने आया था जहां सरकार ने सरकारी और वन विभाग की ज़मीन पर बनी कई अवैध मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. दोनों ही राज्यों में डेमोग्राफी में हो रहे बदलावों को लेकर भी एक बहस सी छिड़ गई है.
क्या है हिमाचल का बवाल
दरअसल हिमाचल प्रदेश के शिमला में सरकारी जमीन पर बनी, एक मस्जिद को लेकर जमकर हंगामा हुआ. यह मस्जिद हिमाचल प्रदेश के संजौली क्षेत्र में है, जो राजधानी शिमला के माल रोड से लगभग पांच किलोमीटर दूर है. इस मस्जिद में बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान होने के आरोप हैं. अगर ये सही है कि तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि बांग्लादेश से आने वाले रोहिंग्या मुसलमान हिमाचल की राजधानी शिमला तक कैसे पहुंच गए?
हिमाचल की कांग्रेस सरकार मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने ही विधानसभा में इस मस्जिद को अवैध बताया और और इसे गिराने की मांग की. उन्होंने कहा, "संजौली बाज़ार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं. वहीं वक्फ बोर्ड कहता है कि ये जमीन सरकार की नहीं बल्कि उसकी है. वर्ष 1967 के दस्तावेज़ इस बात की पुष्टि करते हैं कि, ये 'जमीन' सरकार की थी. एस समय यह एक छोटी सी मस्जिद थी, लेकिन अब ये पांच मंजिल की इमारत बन चुकी है.इस मस्जिद को लेकर विवाद के दो बड़े कारण हैं, जिनमें पहला है, अवैध निर्माण और दूसरा है, सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण.
ये भी पढ़ें: 'दो दिन में गिराई जाए मस्जिद...', शिमला में अवैध निर्माण पर बवाल, सड़कों पर उतरे लोग, विधानसभा में भी संग्राम
अनिरुद्ध सिंह के बयान से घिरी कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






