
इस्लाम कुबूल कर अंजू अब बनी फातिमा, जानें इस नाम के मायने
AajTak
फेसबुक पर मिले नसरुल्लाह के लिए पाकिस्तान पहुंच गई अंजू ने धर्म परिवर्तन कर दिया है. इस्लाम कुबूल करने के बाद उनका नया नाम फातिमा रखा गया है. पाक मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि इस्लाम कुबूल करने के बाद फातिमा ने नसरुल्लाह से निकाह भी कर लिया है.
सीमा हैदर की खबरों के बीच फेसबुक पर हुए प्यार के बाद अपने प्रेमी नसरुल्लाह से पाकिस्तान मिलने पहुंचीं राजस्थान की अंजू ने पूरे रिवाजों के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया है. पाकिस्तानी मीडिया में तो यह भी दावा किया जा रहा है कि धर्म बदलने के बाद अंजू उर्फ फातिमा का नसरुल्लाह से निकाह भी हो गया है.
इस्लाम कुबूल करने के बाद अंजू का नया मुस्लिम नाम फातिमा रखा गया है. इस्लाम धर्म में यह नाम काफी खास माना गया है. दरअसल, यह नाम इस्लाम के आखिरी नबी मोहम्मद की सबसे प्यारी बेटी का था.
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद को अपनी बेटी फातिमा से काफी ज्यादा प्यार था. पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा की शादी हजरत अली से की गई थी. पैगंबर मोहम्मद की बेटी का नाम होने की वजह से ही फातिमा नाम मुस्लिमों के लिए भी काफी खास है.
आमतौर पर मुस्लिम लोगों में जब कोई लड़की का जन्म होता है तो उसका फातिमा नाम रखना अच्छा माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद की बेटी का नाम होने की वजह से इस नाम का सकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ता है.
आज तक से बातचीत में नसरुल्लाह ने निकाह होने से किया इनकार अंजू के धर्म परिवर्तन और निकाह की खबरों के बाद आज तक ने जब नसरुल्लाह से बातचीत की तो उसने शादी की बात से साफ इनकार कर दिया. आजतक से बात करते हुए नसरुल्लाह ने यह भी दावा किया कि अंजू (फातिमा) सिर्फ उनकी दोस्त है. हालांकि, इसी बीच दोनों के निकाहनामा की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जो नसरुल्लाह के दावों पर संदेह पैदा कर रही हैं.
वहीं पाक मीडिया का दावा है कि अंजू के धर्म परिवर्तन के बाद उसने नसरुल्लाह से निकाह कर लिया है. दोनों का निकाह खैबर पख्तूनख्वा के एक जिला कोर्ट कराया गया है. पाक मीडिया के अनुसार, मालकुंड डिवीजन के डीआईजी नासिर महमूद दस्ती ने अंजू और नसरुल्लाह की शादी की खबर पर मुहर भी लगाई है. निकाह के बाद दोनों को पुलिस सुरक्षा में घर पहुंचाया गया.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







