
आसान नहीं हमास का हथियार छोड़ना, क्या गाजा वही राह अपनाएगा जो उत्तरी आयरलैंड के बागी समूह ने ली थी?
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना में सबसे बड़ी अड़चन हमास का हथियार छोड़ना हो सकती है. दो दशक से ज्यादा वक्त तक गाजा पट्टी पर एकछत्र राज करते आए संगठन की तुलना आयरिश रिपब्लिकन आर्मी से हो रही है. आयरलैंड के इस विद्रोही गुट ने हथियार छोड़ने में एक-दो नहीं, पूरे नौ साल लगा दिए थे. इस दौरान वो लगातार कत्लेआम मचाता रहा.
इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच जंग डोनाल्ड ट्रंप के बीच-बचाव से रुक चुकी. अब चरण-दर-चरण चीजें हो रही हैं. इजरायली सेना पीछे हट चुकी. बंधक लौटाए जा चुके. इससे पहले कि गाजा को नए सिरे से बनाया जाए, हमास को हथियार छोड़ना होगा. यही समस्या है. सत्ता और ताकत का स्वाद चख चुका गुट इसके लिए आसानी से तैयार नहीं दिखता.
इसकी तुलना आयरलैंड में हुए गुट फ्राइडे एग्रीमेंट से हो रही है, जब एक मिलिटेंट संगठन ने डिसआर्म होने में दशकभर लगा दिया था.
क्यों हो रही चर्चा
कुछ हफ्तों पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी 20 पॉइंट वाली गाजा शांति योजना पेश की, तो कई जानकारों ने कहा कि इसमें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की एक पुरानी डील की झलक दिखती है- गुड फ्राइडे एग्रीमेंट. यह समझौता साल 1998 में हुआ था, जिसने उत्तरी आयरलैंड में करीब 30 साल से चल रहे हिंसक झगड़ों को खत्म करने की शुरुआत की थी.
पॉलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की योजना में कई बातें ऐसी हैं जो या तो गुड फ्राइडे एग्रीमेंट से ली गईं या उससे प्रेरित लगती हैं, खासकर हथियार छोड़ने की बात.
क्या हुआ था आयरलैंड में इसके उत्तरी हिस्से में साठ के दशक के आखिर से लेकर साल 1998 तक संघर्ष चला. इसमें कत्लेआम इतना ज्यादा था, कि इसे द ट्रबल्स कहा गया. यह संघर्ष धार्मिक और राजनीतिक दोनों वजहों से था. एक तरफ थे कैथोलिक आयरिश राष्ट्रवादी, जो चाहते थे कि उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन से अलग होकर आयरलैंड रिपब्लिक का हिस्सा बन जाए. दूसरी तरफ थे प्रोटेस्टेंट यूनियनिस्ट, जो ब्रिटेन के साथ रहना चाहते थे. टकराव धीरे-धीरे हिंसक बगावत में बदल गया.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.







