
आवाज़ उठाने के बाद घर से उठा ली गई अफ़ग़ान महिलाएं
BBC
वो महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रही थीं. तमन्ना ज़रयाबी भी उनमें से एक थीं. आख़िर क्या हुआ उनके साथ.
तालिबान बहुत ख़ामोशी से धमका सकते हैं. बीस साल के हिंसक संघर्ष और ददियों हज़ार नागरिकों की मौत के बाद, तालिबान ने बलपूर्वक अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया है.
लेकिन बावजूद इसके अफ़ग़ानिस्तान की कुछ महिलाओं ने डरने से इनकार कर दिया है.
तमन्ना ज़रयाबी परयानी ऐसी ही महिलाओं में से एक हैं. हथियार लिए उन लोगों के सामने डटकर खड़ा होना साहस की बात है जिन्होंने आपकी ज़िंदगी और हर चीज़ जो आपने हासिल की हो, उस पर ख़तरा पैदा कर दिया हो.
पिछले सप्ताहांत तमन्ना ज़रयाबी उन दर्जनों महिलाओं में शामिल थीं जिन्होंने काम करने और शिक्षा हासिल करने के अधिकार के लिए तालिबान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था.
प्रदर्शनकारियों पर तालिबान लड़ाकों ने मिर्ची पाउडर छिड़क दिया था. इनमें से कई का कहना है कि उन्हें बिजली का झटका भी दिया गया.
