
'आधुनिक भारत का तीर्थस्थल है मोइरांग में INA स्मारक,' RSS के सरकार्यवाह होसबले का बयान
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबले ने पराक्रम दिवस के अवसर पर मणिपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की है. होसबले ने कहा- भारत माता के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि करता हूं. उनकी अदम्य भावना और अविस्मरणीय कार्य सभी भारतीयों के लिए सदैव प्रेरणादायी हैं.
पूरे देश में आज (23 जनवरी) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाई जा रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबले ने पराक्रम दिवस के अवसर पर मणिपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने कहा कि मणिपुर के मोइरांग में स्थित INA (भारतीय राष्ट्रीय सेना) स्मारक आधुनिक भारत का तीर्थस्थल है. होसबले इस समय मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर आए हैं.
होसबले सोमवार सुबह मोइरांग में INA मेमोरियल पहुंचे. यहां उन्होंने कहा- भारत माता के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि करता हूं. उनकी अदम्य भावना और अविस्मरणीय कार्य सभी भारतीयों के लिए सदैव प्रेरणादायी हैं. ये स्मारक (मोइरांग) आधुनिक भारत का एक तीर्थस्थल है.
'1944 में नेताजी ने फहराया था स्वतंत्र भारत का झंडा'
होसबले ने INA स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और पराक्रम दिवस के राष्ट्रव्यापी उत्सव में शामिल हुए. बता दें कि नेताजी ने 1944 में भारतीय धरती पर पहली बार यहां स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था.
'RSS और नेताजी का भारत को महान बनाने का एक ही लक्ष्य'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने वहां नेताजी को श्रद्धांजलि दी. भागवत ने कहा कि हमारे संगठन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का लक्ष्य भारत को एक महान राष्ट्र बनाने की दिशा में समान हैं. भागवत की ये टिप्पणी उस आलोचना के बीच आई है, जब कहा जा रहा है कि RSS और नेताजी की विचारधारा समान नहीं थी. आलोचकों ने कहा कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे जो 'आरएसएस की 'हिंदुत्व' विचारधारा के खिलाफ है.

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