आज का दिन: एयरफोर्स और सीडीएस बिपिन रावत के बीच रस्साकशी की क्या है वजह?
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बताया जा रहा है कि इंडियन एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया, सीडीएस बिपिन रावत के विचारों से सहमत नहीं है. सीडीएस बिपिन रावत चाहते हैं 17 सिंगल सर्विस कमांड को रिप्लेस कर 4 थिएटर कमांड बनाए जाए. जो सीधा सीडीएस को रिपोर्ट करेंगे.
उत्तराखंड में यूं तो राजनीतिक उलटफेर का मामला सालों पुराना है. ये तब से चला आ रहा है जबसे इस राज्य का गठन हुआ है. 20 साल में अबतक यहां कुल 11 मुख्यमंत्री बदल चुके हैं. जिसमें से केवल कांग्रेस के नारायणदत्त तिवारी ने ही अपने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया है. तो इसी इतिहास को बरकरार रखते हुए एक बार फिर बिना अपना कार्यकाल पूरा किए केवल 114 दिनों में ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 2 दिन पहले इस्तीफा दिया और कल शाम खटीमा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में जन्मे पुष्कर सिंह 45 साल के हैं और इसी के साथ वे राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री भी बन गए हैं. वैसे तो धामी कभी उत्तराखंड सरकार में मंत्री भी नहीं रहे. लेकिन अब सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में पुष्कर सिंह धामी के अलावा, कई अन्य वरिष्ठ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिसमें सतपाल महराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर, यशपाल आर्य, बिशन सिंह और सुबोध उनियाल को मंत्री बनाया गया है. पर इसी के साथ कल सुबह से ही ऐसा कहा जा रहा था कि उत्तराखण्ड में बीजेपी खेमे में कुछ लोग पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने से नाराज़ है. अब इस नाराज़गी के बीच धामी ने शपथ तो ले ली लेकिन इस नाराज़गी की वजह क्या है,तो क्यों ये अंतरकलह दिखाई पड़ रहा है? रविवार को इसे लेकर जो लगातार बैठकें की जा रही थीं. उन बैठकों से क्या निष्कर्ष निकला? और 114 दिनों के अपने कार्यकाल में तीरथ सिंह रावत ऐसा क्या नहीं कर पाए कि मुख्यमंत्री बदलने की ज़रूरत पड़ गई? अब नए मुख्यमंत्री धामी से क्या उम्मीदें की जा सकती हैं, और क्या वे उन उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे?More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.