
'आजतक’ से बोले पुतिन, ‘यूक्रेन पर ट्रंप पीसमेकर, अलास्का में कंपनियों की चिट्ठियां लाए थे’
AajTak
यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं और इस दौरे पर दुनिया भर की निगाहें हैं. खासकर अमेरिका की. जो इन दिनों यूक्रेन संकट सुलझाने के लिए रूस से बातचीत कर रहा है. इस दौरे से ठीक पहले पुतिन ने ‘आजतक’ को दिए अपने वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अमेरिका से चल रही बातचीत और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस युद्ध को खत्म करने के प्रयासों पर भी विस्तार से बात की.
कुश्नर और विटकॉफ के साथ मीटिंग में क्या हुआ
पुतिन ने जवाब दिया कि अभी इस बातचीत के मायने निकालना थोड़ी जल्दबाजी होगी. मुझे नहीं लगता आप वहां होते भी तो उस चर्चा को सुनकर आपको कुछ हासिल होता. ये बैठक पांच घंटे चली. मैं खुद इतनी लंबी बैठक से ऊब गया था पर ये बैठक जरूरी थी. जरा सोचिए इस पूरी बैठक में विटकॉफ और कुश्नर के साथ मैं अकेला था. लेकिन सच कहूं तो ये एक बेहद अहम बैठक थी. हालांकि इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अलास्का में हुई बैठक से पहले हुए समझौते और उससे जुड़े बिंदुओं पर ही बातचीत हुई. हां, इस बार हमने एक एक बिंदु पर सिलसिलेवार बातचीत की जो कुल मिला कर काफी सार्थक रहा.
कहां आगे नहीं बढ़ पाई बात?
रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि कई मुद्दे रहे जिन्हें लेकर विरोधाभास था. ये एक बेहद पेचीदा विषय है जिसकी जिम्मेदारी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद पर ली है. मैं इसे लेकर कटाक्ष नहीं कर रहा. मगर दोनों पक्षों को एकमत करना एक बहुत जटिल काम है. मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप सचमुच इसका हल चाहते हैं और तभी हमने एक एक बिंदु पर सिलसिलेवार बात की. ऐसे हर मुद्दे पर जिसे लेकर हम सहमत या असहमत थे. फिलहाल अभी इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. वजह, इसका कुछ भी निष्कर्ष निकालना राष्ट्रपति ट्रंप की देखरेख में हो रही बातचीत में बाधा डाल सकता है. उनके कूटनीतिक प्रयास जारी हैं. उन्होंने पहले यूक्रेन के प्रतिनिधियों से बात की, इसके बाद वो यूरोप गए, फिर वो हमारे पास आए और इसके बाद वो यूरोपीय हितधारकों और यूक्रेन के प्रतिनिधियों से दोबारा बात करेंगे.
अलास्का में क्या हुआ?

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. उनका यह तीस घंटे का दौरा बेहद खास है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार वे भारत आ रहे हैं. इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आयात व्यापार और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी. पुतिन ने भारत और चीन को अपना सबसे बड़ा साझेदार बताया है जबकि यूरोप को चेतावनी दी है. भारत ने पश्चिमी दबावों को झेलते हुए पुतिन को बुलाया है, जो भारत की स्वायत्त नीति का संकेत है.






