आंध्र प्रदेश: कोरोना के डर से पूरे परिवार ने दी जान! माता-पिता ने बच्चों समेत किया सुसाइड
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आंध्र प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. पूरे के पूरे परिवार ने कोरोना वायरस के डर से जान दे दी. उनके घर से बरामद सुसाइड नोट में ऐसा लिखा है.
आंध्र प्रदेश में चार लोगों के पूरे परिवार द्वारा आत्महत्या करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. आत्महत्या के साथ-साथ उसकी वजह और ज्यादा चौंकाती है. शुरुआती जांच के मुताबिक, एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि उनको कोरोना वायरस होने का डर था इसलिए उन्होंने जान दे दी. कर्नूल शहर के वड्डगेरी में यह घटना हुई है. परिवार के चारों सदस्यों ने जहर खाकर जान दी है. परिवार के सदस्यों की पहचान प्रताप (उम्र 42 साल), हेमलता (36), जयंत (17), रिशिता (14) के रूप में हुई है. पति पत्नी के साथ दोनों बच्चों के शव भी घर से बरामद हुए हैं. प्रताप एक टीवी मेकेनिक था. वहीं बेटा जयंत कोई कोर्स कर रहा था. बेटी रिशिता सिर्फ सातवीं क्लास में थी.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.