
अवैध शरणार्थियों का अड्डा, लेफ्टिस्ट गुटों पर ट्रंप का एक्शन और डिपोर्टेशन का सीक्रेट प्लान... लॉस एंजेलिस में कैसे बन गए गृहयुद्ध जैसे हालात?
AajTak
हॉलीवुड की बैकबॉन माने जाने वाला लॉस एंजेलिस चार दिनों से हिंसा से जूझ रहा है. इसकी एक बड़ी वजह यहां ट्रंप सरकार के इमिग्रेशन छापे हैं. ट्रंप की निर्वासन नीति के तहत शुक्रवार से अवैध प्रवासियों के खिलाफ छापेमारी शुरू की गई है. सरकार की इस छापेमारी में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं.
लॉस एंजेलिस... न्यूयॉर्क के बाद अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यह शहर बीते चार दिनों से प्रदर्शन और हिंसा की आग में झुलस रहा है. गृहयुद्ध जैसे हालात नजर आ रहे हैं. हजारों की संख्या में प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी, सेल्फ ड्राइविंग कारों में आग लगाते उपद्रवी और उन्हें सड़कों से भगाते सैनिकों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. लेकिन सवाल है कि ट्रंप प्रशासन के विरोध में भीड़ सड़कों पर क्यों निकल आई है? ये हिंसक प्रदर्शन लॉस एजेंलिस में ही क्यों हो रहे हैं?
हॉलीवुड की बैकबॉन माने जाने वाला लॉस एंजेलिस चार दिनों से हिंसा से जूझ रहा है. इसकी एक बड़ी वजह यहां ट्रंप सरकार के इमिग्रेशन छापे हैं. ट्रंप की निर्वासन नीति के तहत शुक्रवार से अवैध प्रवासियों के खिलाफ छापेमारी शुरू की गई है. सरकार की इस छापेमारी में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं. इनमें कई बड़े मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं. इनमें एक बड़ी संख्या ट्रंप की डिपोर्टेशन पॉलिसी का विरोध कर रहे वामपंथी कार्यकर्ताओं की है. इसके विरोध में आठ जून को यह विरोध हिंसक झड़प में तब्दील हो गया.
इन छापों के बाद लॉस एंजेलिस स्थित फेडरल बिल्डिंग विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गई क्योंकि यह बात फैल गई कि वहां कथित तौर पर गिरफ्तार लोगों को रखा गया है.
लेकिन हालात ऐसे बने कि ट्रंप ने 2000 नेशनल गार्ड्स को सड़कों पर उतारने का आदेश दे दिया. ट्रंप के इस फैसले पर भी विवाद हुआ. नेशनल गार्ड्स के विरोध में कैलिफोर्निया के गवर्नर ने मोर्चा खोल दिया और इसे गैरकानूनी औ उकसावे वाली कार्रवाई बताया. लेकिन ट्रंप ने लगातार उग्र होते प्रदर्शनों के देखते हुए 700 मरीन सैनिकों को भी तैनात करने के आदेश दे दिए.
लेकिन अहम सवाल है कि ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर छापेमारी के आदेश लॉस एजेंलिस में ही क्यों दिए? इसका सीधा सा जवाब है कि अमेरिका में लॉस एजेंलिस को अवैध प्रवासियों का हब माना जाता है. लैटिन और हिस्पैनिक बड़ी संख्या में यहां रहते हैं. यहां की एक बड़ी आबादी हिस्पैनिक (मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों के लोग) है.
कैलिफोर्निया के इस शहर की कुल आबादी 38 लाख के आसपास है. जिसमें से 13 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी हैं, जिनमें 48.6 फीसदी लोग लैटिनो और हिस्पैनिक है. लॉस एजेंलिस की सरकार के मुताबिक, शहर में हर तीन में से एक शख्स इमिग्रेंट है. अवैध प्रवासियों की बढ़ती आबादी की वजह से पिछले साल नवंबर में लॉस एंजेलिस को सेंक्चुरी सिटी (Sanctury City) घोषित कर दिया था.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







