
अयोध्या भूमि अधिग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जन कल्याण की जमीन निजी हाथों में देने पर सवाल
AajTak
अयोध्या के भूमि अधिग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल है कि उत्तर प्रदेश सरकार विकास परिषद द्वारा जन कल्याण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जमीन को निजी क्षेत्रों को दिया जा रहा है. साथ ही मुआवजे की प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाने की मांग की गई.
अयोध्या में जन कल्याण की विकास परियोजना के लिए करीब डेढ़ हजार एकड़ जमीन अधिग्रहण कर निजी क्षेत्रों को दिए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता आलोक शर्मा सहित तीन याचिकाकर्ताओं ने अर्जी दाखिल कर इस मामले में जारी नोटिस रद्द करने का आदेश जारी करने की गुहार लगाई.
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र मिश्रा के मुताबिक ये भूमि अधिग्रहण कानून का सरासर और मनमाना उल्लंघन है. साथ ही याचिकाकर्ताओं ने मुआवजे की प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाने की मांग की गई.
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने 2020 और 2022 की अधिसूचनाओं के तहत अधिग्रहित 1407 एकड़ भूमि के लिए मास्टर प्लान बनाने के लिए फर्म का चयन करने के लिए 26 अगस्त 2023 को एक टेंडर प्रकाशित की.
जबकि 19 अगस्त 2023 को 450 एकड़ की एक तीसरी योजना को अधिसूचित कर दिया गया. जबकि पहली दो योजनाओं के तहत अधिग्रहित भूमि का पूर्ण उपयोग नहीं किया गया.
यह भी पढ़ें: अयोध्या-काशी के बाद अब ब्रज की बारी का क्या मतलब? सीएम योगी ने बताया
भूमि विकास गृह स्थान और बाजार पूरक प्रथम योजना अयोध्या-2023 के तीसरे और नए नोटिफिकेशन तक पहले से अधिग्रहित 1407 एकड़ भूमि पर कोई विकास कार्य शुरू नहीं हुआ था. आज तक कोई सड़क या सीवर का निर्माण नहीं किया गया और पहली योजना और दूसरी योजनाओं में कोई प्लॉटिंग नहीं की गई है.

कोलकाता के विवेकानंद युवा भारतीय क्रीड़ांगन में मेसी के GOAT इवेंट के दौरान भारी हंगामा हुआ. मेसी स्टेडियम में केवल आठ नौ मिनट ही रहे. VIP सुरक्षा के कारण आम दर्शकों को मेसी को ठीक से देखने का मौका नहीं मिला, जिससे वे नाराज हो गए. प्रदर्शनकारियों ने बोतलें फेंकी, ड्रेसिंग रूम के शीशे तोड़े और वीआईपी कैनोपी को गिरा दिया. इस घटना ने कार्यक्रम को अशांत बना दिया.

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन कायस्थ जाति से आते हैं. इनकी जनसंख्या यूपी-बिहार ही नहीं पूरे देश में कहीं भी भी इतनी नहीं है कि वो राजनीति को प्रभावित कर सकते हों. पर बंगाल में आजादी के बाद 37 साल तक कायस्थों के हाथ में सत्ता रही है. आइये देखते हैं कि नबीन की नियुक्ति का बंगाल से क्या है रिश्ता?

उत्तर भारत में घने कोहरे ने एक बार फिर हवाई यातायात की रफ्तार रोक दी है. दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट्स पर बेहद कम दृश्यता के कारण इंडिगो एयरलाइन की कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ फ्लाइट्स रद्द की गईं, जबकि कई में देरी हुई है. एयरलाइन ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस लगातार चेक करने की सलाह दी है.










