अमेरिका को भारी पड़े अफगानिस्तान में 20 साल, जानिए कितने अरब डॉलर और सैनिकों की कीमत चुकाई
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अमेरिकी सैनिक 20 वर्षों के बाद 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़कर जा चुके हैं. अब अमेरिका का अफगानिस्तान में होना अतीत का एक किस्सा बन गया है. तालिबान सत्ता पर काबिज हो गया है. अमेरिका ने अपने हजारों नागरिकों को अफगानिस्तान में गंवा दिया. लेकिन हासिल क्या हुआ? अफगानिस्तान अब तक अस्थिर ही है.
अफगानिस्तान, अब अमेरिका के लिए अतीत में मिला ऐसा सबक है, जिसे वह याद नहीं करना चाहेगा. अमेरिका ने यहां सिर्फ गंवाया. अर्थव्यवस्था से लेकर नागरिकों के बलिदान तक, अमेरिका में अफगानिस्तान का हासिल शून्य है. 20 साल तक लगातार अफगानिस्तान की बांगडोर संभालने वाला अमेरिका, ऐसे लौटा कि उसके हाथ कुछ नहीं आया.केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.
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