
अब दुश्मनों की खैर नहीं! दिन हो या रात... हर मौसम में रहेगी पैनी नजर, अगली पीढ़ी का एयर डिफेंस सिस्टम खरीद रही सरकार
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सरकार ने अगली पीढ़ी की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली या वीएसएचओआरएडीएस (एनजी) खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो ‘दिन और रात दोनों समय’ और बर्फीले स्थानों सहित सभी मौसम की स्थिति में हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होनी चाहिए.
भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (Very Short Range Air Defence System – VSHORADS (NG)) की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल (RFP) जारी किया है, जो भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया है.
इस RFP में मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह "Buy (Indian)" श्रेणी के तहत 48 लॉन्चर, 48 नाइट-विज़न साइट्स, 85 मिसाइलें और एक मिसाइल परीक्षण स्टेशन खरीदने की योजना बना रहा है. यह प्रणाली दिन और रात दोनों में, हर मौसम और बर्फ से ढके इलाकों में हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम होनी चाहिए. मंत्रालय ने संभावित बोलीदाताओं से इस प्रक्रिया में भाग लेने का आह्वान किया है, बशर्ते वे निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करें.
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हवाई खतरों के चलते उठाया कदम रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह कदम लगातार बदलते हवाई खतरों से निपटने के लिए उठाया गया है. सेना की एयर डिफेंस यूनिट को मैनपोर्टेबल और इन्फ्रारेड होमिंग (IR) तकनीक से लैस ऐसी प्रणाली की आवश्यकता है जो टर्मिनल और प्वाइंट डिफेंस प्रदान कर सके. इस प्रणाली को "फायर एंड फॉरगेट" क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे एक बार लक्ष्य साधने के बाद उसे मिसाइल छोड़ने के बाद भी नियंत्रित करने की आवश्यकता नहीं रहती. मैनपोर्टेबल का मतलब है कि इसे एक व्यक्ति लंबी दूरी तक ले जा सकता है.
RFP दस्तावेज़ के अनुसार, यह प्रणाली एक इन्फ्रा-रेड होमिंग मिसाइल, एक मैनपोर्टेबल लॉन्चिंग मैकेनिज्म और उपयुक्त साइटिंग सिस्टम से युक्त होनी चाहिए ताकि यह लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई प्रणाली (UAS) जैसे लक्ष्यों को भेद सके.
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