अखिलेश की मीटिंग में नहीं गए आजम खान और साथी विधायक, प्लान-B पर कर रहे काम?
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सपा विधायक आजम खान सीतापुर जेल से बाहर आ चुके हैं, लेकिन अभी तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. लखनऊ में रविवार को सपा की हुई बैठक में आजम खान और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे जबकि यह बैठक अखिलेश ने बुलाई थी. वहीं, आजम खान ने जेल से छूटने के बाद ही मुस्लिम सियासत को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी और अब उस दिशा में कदम भी बढ़ा दिए हैं.
सवा दो साल के बाद जेल से बाहर आए आजम खान सपा की बैठक में शामिल नहीं हुए. यह बैठक सपा प्रमुख अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बुलाई गई थी, जिसमें सपा के सभी विधायक और एमएलसी को शामिल होना था. ऐसे में आजम खान और उनके करीबी विधायकों ने अखिलेश की बैठक से किनारा कर रखा था. आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला ही नहीं बल्कि नसीर अहमद खान और शहजील इस्लाम जैसे विधायक भी बैठक में शामिल नहीं हुए.
अखिलेश यादव की बैठक में शामिल होने की बजाय आजम खान ने रामपुर में डेरा डाले रखा. आजम अपने करीबियों और उनके परिजनों से मिलने जुलने का सिलसिला जारी रखा है. रविवार को रामपुर जेल में बंद गुड्डू मसूद से मिले तो बरेली से सपा विधायक शहजील इस्लाम के साथ बैठक की. इससे पहले रात में बरेली के मौलाना तौकीर रजा के साथ भी आजम खान ने मीटिंग की थी. इस तरह से आजम खान जेल से छूटने के बाद एक बार से मुस्लिम सियासत का सियासी तानाबाना बुनना शुरू कर दिया है.
अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर आजम खान ने कहा 'आपसे मुझे नाराजगी की सूचना मिल रही है. नाराज होने के लिए आधार चाहिए, मैं खुद ही निराधार हूं तो वो आधार कहां से आएगा, मेरा अपना ही कौन सा आधार है. किसी से नाराज होने की हैसियत में नहीं हूं.' मुलाकात के लिए अखिलेश के नहीं आने के सवाल पर आजम खान ने कहा, 'मैं ना किसी के आने पर कोई टिप्पणी करूंगा ना किसी के ना आने पर, जो आए उनका शुक्रिया, जो नहीं आए, उनके कोई कारण रहे होंगे, उनका भी शुक्रिया. उन्होंने कहा कि हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है. हमारे लिए सपा और दूसरे दलों के नेताओं ने जो किया वह कोई कम नहीं था.
आजम खान भले ही अखिलेश यादव को लेकर सीधे तौर पर कुछ न बोल रहे हों, लेकिन जिस तरह से सपा विधानमंडल की बैठक से अपने करीबी विधायकों के साथ दूरी बनाए रखी. इसके अलावा उन्होंने मुसलमानों की राजनीति के मुद्दे पर देवबंद से लेकर बरेली उलमाओं तक से संपर्क करने की बात कही और अब उस दिशा में कदम बढ़ा दिया है. मौलाना तौकीर रजा के साथ रविवार को हुई उनकी मुलाकात को इसी संबंध में जोड़कर देखा जा रहा है.
आजम से मिलने के बाद तौकीर रजा ने कहा कि आजम खान के ऊपर हुए जुल्मों का हिसाब लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि आजम खान को नई जिंदगी मिली है और उनसे अल्लाह को कोई बड़ा काम लेना है. इसलिए अल्लाह ने उनकी जिंदगी बख्श दी है. साथ ही तौकीर रजा ने कहा कि आजम खान मौजूदा हालात से बेहद असंतुष्ट दिखे और सियासी बदलाव के पक्ष में हैं. मौलाना तौकीर ने बताया कि मैंने आजम खान से कहा कि सपा जहां है, उसको वहां पहुंचाने में आपका हाथ है. अगर आप अलग हो जाएंगे तो सपा जमीन पर आ जाएगी.
मौलाना तौकीर रजा खान लंबे समय से सपा पर हमलावर रहे हैं. वह कई बार कह चुके हैं कि सपा ने मुसलमानों को धोखा दिया हैय वोट तो लिया लेकिन उनके हक के लिए साथ नहीं दिया. आजम खान से मुलाकात के बाद मौलाना ने कहा कि सपा के पास कोई अपना वोट बैंक नहीं है. वह सिर्फ मुसलमानों के बल पर ही सियासी वजूद में है. मौलाना ने कहा कि सपा का असल वोट बैंक यादव होना चाहिए, लेकिन 50 प्रतिशत से ज्यादा यादव भाजपा को वोट देते हैं. ऐसी ही बातें पिछले दिनों आजम खान के समर्थकों ने कही थी.
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