Who Is Real Shiv Sena: असली शिवसेना कौन? साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने दी 8 अगस्त तक की मोहलत
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Who Is Real Shiv Sena: महाराष्ट्र का राजनीतिक ड्रामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार बनाने और गिराने को लेकर रस्साकसी थमी तो अब शिवसेना पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर नई लड़ाई शुरू हो चुकी है. हालांकि, इस लड़ाई में सामने आते हुए अब चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को 8 अगस्त तक का समय देकर दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है.
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार बन गई है. लेकिन अब शिवसेना को हासिल करने के लिए असली लड़ाई चल रही है. उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे दोनों के ही गुट शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह को अपने कब्जे में रखना चाहते हैं. इस लड़ाई के बीच अब चुनाव आयोग आगे आया है.
आयोग ने उद्धव और शिंदे गुट को 8 अगस्त तक साबित करने के लिए कहा है कि शिवसेना के असली दावेदार वह हैं. EC ने दोनों गुटों से तय वक्त के पहले जरूरी कागजात जमा करने के लिए कहा है. अब दोनों गुटों को तय तारीख में 1 बजे तक दावे से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे. इसके बाद चुनाव आयोग दोनों गुटों के दावों पर सुनवाई करेगा. वहीं, शिवसेना संग्राम के अहम पड़ाव के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में एक अगस्त को अहम तारीख होगी. सुप्रीम कोर्ट 1 अगस्त को शिवसेना के दोनों धड़ों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
बता दें कि शिवसेना के पास धनुष और तीर का चुनाव चिन्ह है. संगठन को 19 अक्टूबर 1989 को पंजीकृत किया गया था. इसे 15 दिसंबर 1989 को एक राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली थी. 7 फरवरी 2018 को चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत किए गए चुनाव विवरण के मुताबिक उद्धव ठाकरे को पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को 23 जनवरी 2018 को अगले पांच साल के लिए शिवसेना नेता नियुक्त किया था.
इसके बाद उद्धव ठाकरे के वफादार और सांसद अनिल देसाई ने 25 जून 2022 को चुनाव आयोग को सूचित किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं . देसाई ने किसी और के 'शिवसेना' या 'बालासाहेब' के नाम का इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई थी. तब तक ज्यादातर विधायक गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ चले गए थे. इसके बाद जुलाई के पहले सप्ताह में अनिल देसाई ने चुनाव आयोग को तीन और पत्र लिखकर बताया था कि चार सदस्यों ने स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.
अनिल देसाई ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए 2 जुलाई को एक और ईमेल किया और 25 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रतिनिधियों का पूरा संगठनात्मक ढांचा प्रस्तुत किया.
भाजपा के साथ सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे ने 19 जुलाई 2022 को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उनके नेतृत्व वाले समूह को शिवसेना घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके गुट को पार्टी का चिन्ह 'धनुष और ती' आवंटित किया जाए.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.