VIP प्रोटोकॉल, सरकारी गनर, करोड़ों की ठगी, हजारों का इनाम, 'महाठग' को तलाश रही थी 3 सूबे की पुलिस
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Anoop Chaudhary: भारत सरकार के रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले एक महाठग अनूप चौधरी को यूपी एसटीएफ ने अयोध्या से गिरफ्तार किया है. उत्तराखंड पुलिस ने उसके सिर पर 15000 रुपए का ईनाम रखा हुआ है. महाठग ने फर्जी तरीके से सरकारी गनर ले रखा था. हर जगह वीवीआईपी प्रोटोकॉल हासिल करता था.
'महाठग' शब्द सुनते ही सबसे पहले सुकेश चंद्रशेखर की नाम जेहन में कौंधता था, जिसने अरबों रुपए की ठगी की है. इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद है. सुकेश चंद्रशेखर से भी कई कदम आगे निकल चुके एक 'महाठग' अनूप चौधरी को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है, जिसने न सिर्फ लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है, बल्कि अपने फर्जी रसूख के दम पर सरकारी गनर लेकर चलता था. खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर हर जगह वीवीआईपी प्रोटोकॉल हासिल करता था. कई चैनलों पर राजनीतिक इंटरव्यू देता था. जबकि उसके खिलाफ तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं. उत्तराखंड पुलिस ने तो उसके सिर पर 15000 रुपए का ईनाम रखा हुआ है.
कैसे चढ़ा यूपी एसटीएफ के हत्थे
उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स को लंबे समय से सूचना मिल रही थी एक गिरोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के नाम पर संगठित अपराध कर रहा है. उस गिरोह के सदस्य खुद को राजनीतिक दल का वरिष्ठ कार्यकर्ता बताते हैं, कई बार भारत सरकार के मंत्रालयों में पदस्थ बताते हैं, लोगों के सरकारी काम कराने के नाम पर उनसे पैसों की उगाही करते हैं. एसटीएफ की कई टीमें इस पर काम करने लगीं. इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि अयोध्या के पिलखांवा का रहने वाला अनूप चौधरी फर्जी तरीके से अपने आप को भारत सरकार के रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर लोगों से सरकारी काम कराने के नाम पर ठगी कर रहा है. उसने कई लोगों से ठगी करके करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं.
एसटीएफ ने ऐसे बिछाया जाल
अनूप चौधरी न सिर्फ लोगों से ठगी कर रहा था, बल्कि एक राजनीतिक दल और सरकार के नाम का इस्तेमाल करके उनकी छवि भी धूमिल कर रहा था. एसटीएफ ने उसके बारे में जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया. 23 अक्टूबर को उन्हें पता चला कि अनूप अयोध्या के सर्किट हाऊस में रुका हुआ है. इसके बाद एसटीएफ की टीम सर्किट हाऊस पहुंच गई. वहां अनूप नहीं मिला, तो उसका रुककर इंतजार करने लगी. कुछ समय बाद एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो (यूपी 42 एबी 1800) आती हुई दिखाई दी. उसकी आगे की सीट पर एक गनर बैठा हुआ था. स्कॉर्पियो रोकने पर उससे एक पुलिसकर्मी उतरा और उसने अपना नाम पवन कुमार, जिसकी तैनाती गाजियाबाद जिले में है. उसने अंदर बैठे अनूप चौधरी को रेल मंत्रालय भारत सरकार का सदस्य बताते हुए खुद को इसका गनर बताया. गाड़ी में अनूप और पवन के साथ ड्राइवर फिरोज आलम और एक अन्य व्यक्ति सतेंद्र वर्मा मौजूद थे.
कारोबारी से ठगी की थी योजना
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