
Russia-Ukraine War: यूक्रेन के लगभग एक तिहाई हिस्से पर रूस की कब्जा, कीव तक सिमटी मुख्य लड़ाई
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रूस औऱ यूक्रेन में 18 दिन से युद्ध जारी है. इसी बीच राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के सलाहकार मिखाइल पोडोल्याक ने कहा कि दोनों देशों में तीन दौर की बातचीत हो चुकी है. वहीं अब दोनों देश एक बार फिर से चौथे दौर की बातचीत करेंगे. वहीं खबर है कि यूक्रेन का एक तिहाई हिस्सा अब रूस के कब्जे में है. यूक्रेन की सेना डटी हुई है. रूस की आर्मी के खिलाफ यूक्रेन के स्थानीय लोगों ने भी बंदूकें उठाई हुई है. सैन्य कब्जे के बादजूद यूक्रेन हथियार डालने को राजी नहीं है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.








