
World Exclusive: 'रूस इस युद्ध को तब खत्म करेगा जब...', यूक्रेन जंग और जेलेंस्की पर क्या बोले पुतिन
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के साथ युद्ध तभी खत्म होगा जब रूस अपने तय लक्ष्य हासिल कर लेगा. नाटो के विस्तार को उन्होंने रूस की सुरक्षा के लिए खतरा बताया और यूक्रेन में रूसी भाषा, संस्कृति और धर्म की रक्षा की बात कही.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं. गुरुवार शाम को वह मॉस्को से दिल्ली पहुंचे जहां एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने खुद उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए एयरपोर्ट पहुंचे और गले लगाकर पुतिन का वेलकम किया. उनका यह दौरा बेहद खास होने वाला है. भारत आने से पहले पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसमें उन्होंने कई वैश्विक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. इनमें एक मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध भी था जिस पर पुतिन के विचार पूरी दुनिया जानना चाह रही है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले पुतिन?
रूस-यूक्रेन जंग को लेकर पुतिन से पूछा गया, आपकी नजर में रूस के लिए इस युद्ध में क्या विजय मानी जाएगी? लाल रेखाएं क्या हैं? क्योंकि आपने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि रूस तभी हथियार डालेगा अगर कीव की सेनाएं रूस की ओर से दावा किए गए इलाकों से पीछे हट जाएं. वो कौन से हिस्से होंगे?
पुतिन ने कहा, 'बात जीत की नहीं है. बात इस बात की है कि रूस अपनी रक्षा कर रहा है और करता रहेगा- हमारे हितों की और उन लोगों की जो वहां रहते हैं. यह हमारे परंपरागत मूल्य, रूसी भाषा और संस्कृति की रक्षा की बात है. साथ ही, यह धर्म और आस्था की भी रक्षा है, जो सदियों से उन क्षेत्रों में मौजूद रही है. आप जानते हैं कि यूक्रेन में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च को लगभग प्रतिबंधित कर दिया गया है. चर्चों में जबरन कब्जा किया गया और लोगों को वहां से निकाल दिया गया. मैं तो यहां रूसी भाषा पर प्रतिबंध की बात भी नहीं कर रहा. यह एक जटिल और व्यापक मुद्दों का समूह है.'
उन्होंने कहा, 'मैं आपको एक बार फिर याद दिलाना चाहता हूं कि हम युद्ध शुरू करने वालों में से नहीं थे. पश्चिम ने यूक्रेन के साथ मिलीभगत की और वहां तख्तापलट को अंजाम दिया और उसके बाद यूक्रेन में घटनाएं हुईं, खासकर दक्षिण-पूर्व में, और फिर डोनबास में. यह चर्चा में भी नहीं है. आठ साल-पूरे आठ साल हम शांतिपूर्ण तरीकों से इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे. हमने इसे मिन्स्क समझौतों में शांतिपूर्ण सेटेलमेंट के रूप में दर्ज किया, इस उम्मीद में कि इसे शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सकेगा. बाद में हमें पता चला कि जो पश्चिमी नेता यह सार्वजनिक रूप से कहते थे, उन्होंने कभी भी मिन्स्क समझौतों को पूरा करने का इरादा नहीं रखा था. उन्होंने केवल इसलिए इसे साइन किया ताकि यूक्रेन को हथियार देने का मौका मिल सके और हमारे खिलाफ सशस्त्र संघर्ष जारी रखा जा सके.'
'युद्ध तब खत्म होगा जब तय लक्ष्य पूरे हो जाएंगे'

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. उनका यह तीस घंटे का दौरा बेहद खास है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार वे भारत आ रहे हैं. इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आयात व्यापार और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी. पुतिन ने भारत और चीन को अपना सबसे बड़ा साझेदार बताया है जबकि यूरोप को चेतावनी दी है. भारत ने पश्चिमी दबावों को झेलते हुए पुतिन को बुलाया है, जो भारत की स्वायत्त नीति का संकेत है.






