
आज फिर एक कार में पुतिन और पीएम मोदी, 3 महीने पहले भी दिखी थी स्पेशल बॉन्डिंग
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेता एक ही कार में एयरपोर्ट से पीएमओ की तरफ रवाना हुए, जो तीन महीने पहले शंघाई शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात की याद दिलाती है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर बेहद ही गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. पुतिन ने विमान से उतरते ही पीएम मोदी से हाथ मिलाया और फिर दोनों नेता एक-दूसरे के गले मिले. इसके बाद दोनों नेता एक ही कार से लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास की तरफ रवाना हुए. इस कार मोमेंट ने तीन महीने पहले के उस मोमेंट की याद दिला दी जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.
ठीक तीन महीने पहले 1 सितंबर को भी दोनों नेता एक मीटिंग के बाद एक ही कार में सवार होकर जाते दिखे थे. मौका था 25वें शंघाई शिखर सम्मेलन (SCO) का जो कि चीन के तियानजीन शहर में आयोजित किया गया था. शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही कार में सवार होकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए रवाना हुए थे.
एक साथ कार में सवार दोनों राष्ट्राध्यक्षों की तस्वीरें सामने आईं जिसपर खूब चर्चा हुई. माना गया कि यह तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदेश है कि दबाव के बावजूद, भारत-रूस का रिश्ता कमजोर नहीं पड़ा है.
इस फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा था, 'SCO समिट स्थल पर औपचारिक कार्यक्रमों के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक के साथ में गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक होती है.'
भारत दौरे से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने इंडिया टुडे ग्रुप को खास इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के साथ चीन में कार शेयर करने पर बात की.
उन्होंने कहा, 'रास्ते में हम दोनों ने बस आम दोस्तों की तरह बात की. हमारे पास हमेशा बातचीत करने के लिए कुछ ना कुछ होता है. हम दोनों के बीच सामयिक विषयों पर ही बातचीत हुई. हम बातचीत में इतना व्यस्त हो गए कि हमें यह ख्याल ही नहीं आया कि लोग हमारा इंतजार कर रहे हैं.'

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. उनका यह तीस घंटे का दौरा बेहद खास है क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार वे भारत आ रहे हैं. इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आयात व्यापार और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी. पुतिन ने भारत और चीन को अपना सबसे बड़ा साझेदार बताया है जबकि यूरोप को चेतावनी दी है. भारत ने पश्चिमी दबावों को झेलते हुए पुतिन को बुलाया है, जो भारत की स्वायत्त नीति का संकेत है.






