Pradosh Vrat 2022: चैत्र माह का दूसरा गुरू प्रदोष व्रत कब, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
ABP News
भगवान शिव बहुत ही दयालु और कृपालु देव हैं. वे एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनके प्रिय व्रत प्रदोष व्रत रखते हैं. चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी 14 अप्रैल को है.
भगवान शिव बहुत ही दयालु और कृपालु देव हैं. वे मात्र एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनके प्रिय व्रत प्रदोष व्रत रखते हैं. इस व्रत से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. हर माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 14 अप्रैल, गुरुवार के दिन पड़ रही है.
पंचाग के अनुसार जिस दिन गुरु प्रदोष व्रत होता है, उसी दिन के नाम पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस बार गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ रहा है इसलिए गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. आइए जानते हैं चैत्र माह के दूसरे गुरु प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.