MP: CM शिवराज का सालाना बाढ़ से प्रभावित गांवों को ऊपर शिफ्ट करने का निर्देश
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एमपी में अगस्त के शुरुआती हफ्ते में जोरदार बारिश के बाद चंबल, पार्वती, सीप, कूनो और सिंध नदियों का जलस्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा था और इसके चलते ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में इस साल हुई भारी बारिश और उससे आई बाढ़ के बाद 1200 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए. नदियों का जलस्तर इतना ज्यादा था कि कई दिनों तक गांवों का संपर्क हर तरफ से कट गया था. इनमे से कुछ गांव ऐसे हैं जो हर साल बाढ़ जैसे हालातों का सामना करते हैं. अब ऐसे गांवों को ऊंची और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत और पुनर्वास कार्यों की जिलेवार समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। pic.twitter.com/xD3nWtLkUpदेश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.