Israel-Hamas War: इजरायल की मुश्किलें और बढ़ेंगी! समझें- आतंक के 'इंटरनेशनल फ्रंट' की मीटिंग के मायने
AajTak
Israel-Hamas War: हिज्बुल्ला, हमास और फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के प्रमुखों की बुधवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़ी बैठक हुई. हमास का डिप्टी चीफ सालेह अल अरुरी, इस्लामिक जिहाद का प्रमुख जियाद अल नकाल्लाह और हिज्बुल्ला का चीफ हसन नसरल्लाह ने एकजुट होकर इजरायल के खिलाफ जंग लड़ने पर विस्तृत चर्चा की.
Israel-Hamas War: इजरायल और हमास युद्ध को 19 दिन हो चुके हैं. गाजा में मरने वालों की संख्या 6,456 पहुंच गई है. पिछले 24 घंटों में 704 लोग इजरायल की एयर स्ट्राइक में मारे गए हैं. वहीं फिलिस्तीन वेस्ट बैंक में इजरायली एयर स्ट्राइक से मारे जाने वालों की संख्या 103 पहुंच गई है. गाजा में अलशिफा हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दावा किया है कि शहर के अंदर इजरायल ने नए और घातक हथियारों का इस्तेमाल किया है और वो इसके गवाह हैं. गाजा में हेल्थ केयर सिस्टम अब पूरी तरह से ठप हो गया है.
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि गाजा पर ग्राउंड ऑपरेशन के लिए इजरायल खुद फैसला ले सकता है. इस बीच तुर्किए की तरफ से भी बड़ा बयान आया है. तुर्किए ने इजरायल को एक आतंकी संगठन बता दिया है तो हमास के आतंकियों को गाजा का योद्धा करार दिया है.
अब इजरायल ने सीरिया के सैन्य ठिकानों पर भी हमले कर दिए हैं. उन हमलों में सीरियाई सेना के 8 जवानों के मारे जाने की जानकारी है. गाजा पट्टी में ईंधन की कमी के कारण पानी प्लांट बंद हो रहे हैं. कई लोग गंदा और खारा पानी पीने को मजबूर हैं. गाजा को रोज कम से कम एक लाख 60 हजार लीटर ईंधन चाहिए.
इस सबके बीच बुधवार को ही हिज्बुल्ला, हमास और फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के प्रमुखों की लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़ी बैठक हुई. हमास का डिप्टी चीफ सालेह अल अरुरी, इस्लामिक जिहाद का प्रमुख जियाद अल नकाल्लाह और हिज्बुल्ला का चीफ हसन नसरल्लाह ने एकजुट होकर इजरायल के खिलाफ जंग लड़ने पर विस्तृत चर्चा की.
बैठक से बढ़ सकती है इजरायल की मुश्किलें
इसके दो मायने निकाले जा रहे हैं. एक ये है कि 7 अक्टूबर का जो आतंकी हमला हमास द्वारा किया गया था, उसके पीछे ईरान का हाथ था. कारण, ये तीनों संगठनों ईरान फंड और हथियार देता है. ईरान किसी भी युद्ध में सीधे तौर पर शामिल नहीं होकर इनके जरिए हमला कराता है. कहीं न कहीं इस बैठक के जरिए ईरान एक संदेश इजरायल को देना चाहता है कि वो अब रुकेंगे नहीं. वहीं माना जा रहा है कि आतंक के इंटरनेशनल फ्रंट यानी ये तीनों संगठन अब मिलकर काम करेंगे और तीनों दिशाओं से मिलकर इजरायल पर हमला करेंगे. इससे कहीं न कहीं इजरायल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.