Imran Khan Vs Shehbaz Sharif: सियासी लड़ाई के जरिये गृहयुद्ध के तरफ बढ़ रहा है पाकिस्तान?
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पाकिस्तान में खान साब नाकाम रहे और शाहबाज शऱीफ की नई सरकार भी कांप रही है. कुर्सी गंवाने के बाद इमरान आजादी मार्च का झंडा थामे इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरे तो मुल्क हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ की आंच में दहकने लगा, जैसे आजादी मार्च के नाम पर खुले आतंक की छूट मिल गई हो. इमरान सड़क पर आ चुके हैं तो सवाल ये है कि शाहबाज कब तक शरीफ बने रहेंगे? क्या ये लड़ाई पाकिस्तान को गृहयुद्ध के रास्ते पर ढकेल रही है? पाकिस्तान में हालाता ना पुरानी सरकार के काबू में थे और ना शाहबाज की नई सरकार लगाम लगा पा रही है. महंगाई ने जीना मुहाल कर रखा है और ताजा फैसला एक झटके में 30 रुपए तक तेल के भाव बढाने वाला है. पेट्रोल 180 रुपए लीटर के भाव है तो डीजल 175. सवाल ये है कि क्या इकॉनमी के फ्रंट पर फेल श्रीलंका की तरह पाकिस्तान भी सिविल वॉर का मैदान ना बन जाएगा? देखें ये खास रिपोर्ट.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक 71 वर्षीय खान ने कई बार दावा किया है कि 49 वर्षीय बुशरा बीबी को टॉयलेट क्लीनर में मिलाकर खाना दिया जाता था. प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें ब्लड प्रेशर और डायबटीज सहित कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा, ''गिरफ्तारी के बाद से बुशरा बीबी की तबीयत खराब हो गई है, कुछ तो हुआ होगा.''
न्यूजर्सी की ही रहने वालीं 54 साल की लीसा पिसानो को हार्ट फैल्योर और किडनी की लास्ट स्टेज की बीमारी थी. उन्हें नियमित डायलिसिस की जरूरत होती थी. लंबे समय से लीसा हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट कराने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अमेरिका में अंगदान करने वालों की कमी होने के कारण उन्हें ऑर्गन नहीं मिल पा रहे थे.