Exclusive: भारत में कृषि सुधार की दरकार, राजनीतिक समर्थन जरूरी- गीता गोपीनाथ
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इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने आजतक से खास बातचीत करते हुए माना है कि भारत में कृषि सुधार की काफी जरूरत है. उनकी नजरों में इन सुधारों के लिए राजनीतिक समर्थन की जरूरत पड़ेगी.
भारत में कृषि सुधार को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानून भी इसी आधार पर लाए गए थे. लेकिन बाद में किसान आंदोलन की वजह से सरकार ने उन तीनों ही कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. लेकिन इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ मानती हैं कि भारत में मजबूत कृषि सुधार की सख्त जरूरत है.
कृषि सुधार पर गीता गोपीनाथ
दावोस में आजतक से खास बातचीत करते हुए गीता गोपीनाथ ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उनकी नजरों में भारत को कई कृषि सुधार करने पड़ेंगे. इस बारे में वे कहती हैं कि भारत को कृषि सुधार की काफी जरूरत है, इसके लिए उसे राजनीतिक समर्थन भी चाहिए. इसके अलावा भारत को वर्तमान में स्कूल और वहां मिल रही शिक्षा पर भी फोकस जमाना होगा.
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बातचीत के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी गीता गोपीनाथ से सवाल पूछे गए. इस पर उनका साफ कहना था कि वे खुद इससे दूर रहती हैं. वे रिस्क लेने से बचती हैं. वे बताती हैं कि सिर्फ 6 महीने के अंदर में क्रिप्टो ने 3 ट्रिलियन डॉलर से 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का सफर तय कर लिया. ये इतना आसान निवेश नहीं है. ऐसे में अगर कोई इनमें निवेश कर रहा है, तो वो बड़े रिस्क ले रहा है.
महंगाई पर उनके विचार
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