
ENG vs IND 4th Test: बिना एक्सपर्ट स्पिनर के मैच में उतरना बड़ी गलती तो नहीं? क्या टीम इंडिया को कुलदीप यादव पर करना चाहिए भरोसा
AajTak
IND vs ENG 4th Test: भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर 18 सदस्यों को लेकर गई है. पूरे स्क्वॉड में जिन खिलाड़ियों को चुना है. उनमें कुलदीप यादव एकमात्र स्पेशलिस्ट चुने हुए स्पिनर हैं. लेकिन उनको मौका नहीं मिला है, ऐसे में सवाल है क्या उनको टीम में ना चुनकर भारतीय टीम गलती तो नहीं कर रही है.
रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद माना जा रहा था कि कुलदीप यादव को टीम में जगह मिलेगी. चौंकाने वाली बात यह है कि 'चाइनामैन' कुलदीप यादव का टेस्ट डेब्यू 2017 में हुआ, लेकिन वो तब से अब तक भारतीय टीम की ओर से 13 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं, जहां उनके नाम 56 विकेट हैं.
इंग्लैंड दौरे पर 18 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान हुआ. इस पूरे स्क्वॉड में कुलदीप यादव एकमात्र स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं. लेकिन उनको मौका नहीं मिला, ऐसे में सवाल है क्या उनको टीम में ना चुनकर भारतीय टीम गलती तो नहीं कर रही है. कुलदीप यादव को इंग्लैड में खेलने का मौका नहीं मिला है. कुलदीप को लेकर केविन पीटरसन ने कहा था कि टीम में वेरिएशन की बहुत कमी है, और वही फर्क डाल सकती है. ऐसे में कुलदीप को खिलाना चाहिए. लेकिन अब तक कुलदीप बेंच पर बैठे हुए दिखे हैं.
कुलदीप यादव को इंग्लैंड में क्यों नहीं मिला मौका? कुलदीप यादव SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा अनुभव नहीं रखते हैं. कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया (सिडनी- 2019) में एक टेस्ट मैच खेलकर 5 विकेट (31.5-6-99-5) निकाले, जबकि 2018 के इंग्लैंड दौरे में उन्हें लॉर्ड्स में खेलने के मौका मिला था, जिसमें उन्हें एक भी विकेट (9-1-44-0) नहीं मिला. वहीं साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में एक भी टेस्ट नहीं खेले हैं.
गंभीर-द्रविड़ की रणनीति रवि शास्त्री से अलग विराट कोहली जब भारतीय टीम के कप्तान थे और रवि शास्त्री कोच थे, तब टीम इंडिया में 6 स्पेशलिस्ट और 5 स्पेशलिस्ट बॉलर वाला फॉर्मूला ज्यादातर टेस्ट में अपनाया गया. लेकिन राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के दौर में ज्यादातर ऑलराउंडर्स को खिलाए गए, गंभीर जब कोच बने तब भी यही सोच बरकरार है.
यही वजह कि कुलदीप यादव अश्विन के संन्यास के बाद जगह नहीं बना पा रहे हैं. वैसे कुलदीप को ना खिलाने की एक वजह इंग्लैंड की सीम और बाउंस वाली पिच हो सकती हैं, जहां पेसर ज्यादा प्रभावी होते हैं. लेकिन कुलदीप ऐसे स्पिनर हैं, जो किसी भी पिच पर मारक साबित हो सकते हैं. लीड्स में खेले टेस्ट में 'स्पिनर' जडेजा का प्रदर्शन कैसा रहा? लीड्स टेस्ट में भारत ने एकमात्र स्पिनर के तौर रवींद्र जडेजा को मौका दिया, जो ऑलराउंडर हैं. जडेजा ने 47 ओवर करवाए और उनको एक विकेट मिला, वहीं बल्लेबाजी में उन्होंने कुल 36 रन बनाए.
सुंदर-जडेजा का बर्मिंघम में प्रदर्शन कैसा रहा? बर्मिंघम में टीम इंडिया की स्पिन कमान वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा के हाथों में थी. सुंदर ने इस दौरान 54 रन बनाए और दोनों पारियों में 18 ओवर कर उनको 1 विकेट मिला. वहीं जडेजा को 32 ओवर्स में 1 विकेट मिला, हालांकि जडेजा ने दोनों पारियों में मिलाकर 158 रन बनाए.

महिला प्रीमियर लीग 2026 से पहले RCB को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि एलिस पेरी निजी कारणों से टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं. उनकी जगह भारतीय ऑलराउंडर सयाली सतघरे को टीम में शामिल किया गया है. इसके अलावा एनाबेल सदरलैंड और तारा नॉरिस भी टूर्नामेंट से हट गई हैं, जिनकी जगह अलाना किंग और चार्ली नॉट को टीमों में शामिल किया गया है.

पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने पर सवाल उठाए हैं. उनका मानना है कि यह फैसला स्वाभाविक नहीं लगता और संभव है कि इसके पीछे कोई मजबूरी रही हो. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के बाद दोनों ने रणजी ट्रॉफी में वापसी की थी, लेकिन इसके बावजूद मई में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया.

आईपीएल 2025 में जब संजू सैमसन टीम से बाहर रहे, तो रियान पराग के कंधों पर राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी की जिम्मेदारी आई. यह उसके लिए महज एक अस्थायी भूमिका नहीं थी, बल्कि मैनेजमेंट के भरोसे और उसके नेतृत्व कौशल की कड़ी परीक्षा थी. दूसरी ओर रवींद्र जडेजा का राजस्थान आना सिर्फ एक साधारण ट्रेड नहीं माना जा रहा...

टी20 वर्ल्ड कप से पहले हरभजन सिंह ने भारत को खिताब का मज़बूत दावेदार बताया है, लेकिन साथ ही वर्ल्ड कप के दबाव और आत्मसंतुष्टि से बचने की चेतावनी भी दी है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान को भी खतरनाक टीम मानते हुए इन्हें भारत के साथ सेमीफाइनल का दावेदार बताया. भारत घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाकर खिताब बचाने की कोशिश करेगा.

मुंबई इंडियंस ने WPL 2026 से पहले ऑस्ट्रेलिया की पूर्व लेग स्पिनर क्रिस्टन बीम्स को स्पिन-बॉलिंग कोच नियुक्त कर अपने कोचिंग स्टाफ को और मज़बूत किया है. वह झूलन गोस्वामी और लिसा काइटली जैसे अनुभवी नामों के साथ काम करेंगी. यह कदम खिताब बचाव की तैयारी और खिलाड़ियों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन देने की दिशा में अहम माना जा रहा है.








