विजय हजारे के 4 मैच में 3 शतक... आखिर कब होगी देवदत्त पडिक्कल की टीम इंडिया में वापसी?
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देवदत्त पडिक्कल ने विजय हज़ारे ट्रॉफी में पुडुचेरी के खिलाफ 113 रन की पारी खेलकर चार मैचों में तीसरा शतक जड़ा. अब तक 405 रन बनाकर वह टूर्नामेंट के सबसे निरंतर बल्लेबाज़ों में शामिल हैं. उनकी शानदार लिस्ट-A रिकॉर्ड और मौजूदा फॉर्म ने भारत की वनडे टीम में चयन की उनकी दावेदारी को बेहद मजबूत कर दिया है.
कर्नाटक के बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल ने विजय हज़ारे ट्रॉफी में अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए चार मैचों में तीसरा शतक जड़ दिया है. पुडुचेरी के खिलाफ अहमदाबाद में खेली गई उनकी संयमित और परिपक्व शतकीय पारी ने एक बार फिर उन्हें भारत की वनडे टीम में चयन की चर्चा के केंद्र में ला दिया है.
25 वर्षीय पडिक्कल ने ADSA रेलवे क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए मुकाबले में 116 गेंदों में 113 रनों की शानदार पारी खेली. इस पारी के दौरान उन्होंने जोखिम से बचते हुए स्ट्रोक्स की टाइमिंग और प्लेसमेंट पर ज्यादा ध्यान दिया और पारी को अंत तक संभाले रखा. यह पारी इस बात का सबूत है कि वह न सिर्फ आक्रामक बल्लेबाज़ी कर सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर पारी को थामने की क्षमता भी रखते हैं.
लगातार बेहतर खेल रहे देवदत्त
इससे पहले टूर्नामेंट में पडिक्कल ने झारखंड के खिलाफ 147 रन और केरल के खिलाफ 124 रन की बेहतरीन पारियां खेली थीं. उनका एकमात्र साधारण प्रदर्शन तीसरे मैच में आया, जहां उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ 12 गेंदों में 22 रन बनाए. इसके बावजूद, चार मैचों में 405 रन बनाकर पडिक्कल इस सीज़न के सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज़ों में शामिल हो गए हैं.
कर्नाटक का दबदबा, ओपनिंग में 228 रन की साझेदारी
पुदुचेरी के खिलाफ मुकाबले में कर्नाटक ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया और शुरुआत से ही मैच पर पकड़ बना ली. देवदत्त पडिक्कल और कप्तान मयंक अग्रवाल ने मिलकर पहले विकेट के लिए 228 रन की विशाल साझेदारी की, जो लगभग 38 ओवर तक चली. इस साझेदारी ने मुकाबले को पूरी तरह एकतरफा बना दिया.

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