EC दफ्तर के बाहर से पुलिस ने उठाया तो थाने में ही धरने पर बैठे TMC सांसद, जांच एजेंसियों को लेकर सियासी घमासान
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टीएमसी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने धरना दे रहे इन सभी को हिरासत में ले लिया. वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ने कहा कि हमने किसी को हिरासत में नहीं लिया है. नेता जाने के लिए स्वतंत्र हैं. वे थाने के अंदर ही बैठे हैं.
पहले चरण के मतदान में केवल दस दिन रह गए हैं. इस बीच करप्शन रोकने वाली एजेंसियों का नाम चुनावी नारों में आ रहा है. खुद को बेदाग बताने की सियासत में हर कोई दूसरे को चोर बताकर भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की याद दिला रहा है. एक तरफ भ्रष्टाचारियों पर एक्शन के साथ लोकतंत्र की मजबूती की गारंटी दी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ उसी एक्शन में लोकतंत्र को जेलतंत्र बनाए जाने की आशंका पर सियासत जारी है.
इस कड़ी में टीएमसी ने सोमवार को चुनाव आयोग के बाहर सभी जांच एजेंसियों के प्रमुखों को हटाने के लिए धरना प्रदर्शन किया. टीएमसी के दस नेता चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर बैठे हुए नजर आए. ये नेता जांच एजेंसियों के प्रमुखों को हटाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद पुलिस उन्हें उठाकर आयोग के दफ्तर के सामने से थाने में ले गई. इसके बाद सभी नेता थाने में ही धरने पर बैठ गए.
टीएमसी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने इन सभी को हिरासत में ले लिया. वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ने कहा कि हमने किसी को हिरासत में नहीं लिया है. नेता जाने के लिए स्वतंत्र हैं. वे थाने के अंदर ही बैठे हैं. उधर, अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस से मुलाकात की. बनर्जी ने बंगाल में एनआईए एसपी पर कार्रवाई नहीं करने पर चुनाव आयोग की आलोचना की. बनर्जी का कहना है कि राज्यपाल ने उन्हें इस पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया है.
देश में चार एजेंसी हैं-
CBI- 1963 में बनी. ED- 1956 में बनी. NIA- 2008 में बनी. आयकर विभाग आजादी के पहले से बना हुआ है.
इन्हीं चार एजेंसियों के इर्द-गिर्द 2024 का चुनाव घूम रहा है. कारण, एक तरफ बीजेपी कह रही है कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करते हुए भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस रही हैं तो दूसरी ओर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष की कमर तोड़ने के लिए कर रही है. इसको लेकर चुनाव आयोग के पास पहुंचकर टीएमसी के नेताओं ने जो शिकायत दी है, उसमें कहा है कि तुरंत चुनाव आयोग जांच एजेंसियों के निदेशकों को बदल दें, क्योंकि इनकी वजह से चुनाव में लेवल प्लेइंग फील्ड यानी निष्पक्षता नहीं हो पा रही है.