CJI से न्याय की गुहार, 134 पूर्व नौकरशाहों ने बिलकिस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ लिखा खुला पत्र
AajTak
गोधरा का बिलकिस बानो केस एक बार फिर चर्चा में है. मामले में कैद की सजा काट रहे 11 लोगों की समय से पूर्व रिहाई का अलग-अलग लोग विरोध कर रहे हैं. अब इस मामले में देश के सवा सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम खुला पत्र लिखा है और न्याय की गुहार लगाई है.
बिलकिस बानो केस में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 कैदियों की समयपूर्व रिहाई का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. अलग-अलग मंचो से विरोध की आवाज उठने के बाद अब देश के 134 पूर्व नौकरशाहों ने गुजरात सरकार के इस फैसले की खिलाफत की है. उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के नाम एक खुला पत्र लिखा है और इस मामले में न्याय करने की गुहार लगाई है.
रिहाई देना एक भयानक गलत निर्णय
इन 134 पूर्व सिविल सेवकों ने अपने पत्र में बिलकिस बानो से गैंग रेप और उसके परिजनों की हत्या करने के जुर्म में जेल में बंद उम्रकैद की सजा काट रहे 11 लोगों की समयपूर्व रिहाई को 'भयानक गलत फैसला' करार दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे इस खुले पत्र में उन्होंने इसे सुधारने का अनुरोध किया है. CJI को पत्र लिखने वालों में पूर्व सिविल सेवकों में दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग, वजाहत हबीबुल्ला, हर्ष मंदर, जूलियो रिबेरो, अरुणा रॉय, जी. बालचंद्रन, राशेल चटर्जी, नितिन देसाई, एच. एस. गुजराल और मीना गुप्ता भी शामिल हैं.
गुजरात सरकार के फैसले से निराश
पूर्व नौकरशाहों ने अपने पत्र कहा है कि वे गुजरात सरकार के इस फैसले से बेहद निराश हैं. इस फैसले के जरिए एक जघन्य अपराध के दोषियों को रिहा कर दिया गया है. मामले के दोषी काफी प्रभावशाली व्यक्ति थे. ऐसे में उस वक्त निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए इसे गुजरात से मुंबई की सीबीआई विशेष अदालत में ट्रांसफर करना पड़ा था.
दंड मिलने वाला दुर्लभ केस
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.