
CEC की नियुक्ति पर राहुल गांधी को आखिर आपत्ति क्या है? विपक्ष क्यों उठा रहा सवाल, कल SC में अहम सुनवाई
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देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में सोमवार को उनके नाम पर मुहर लगी, जिसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने उनके नाम का ऐलान कर दिया. लेकिन ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने की प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में सोमवार को उनके नाम पर मुहर लगी, जिसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने उनके नाम का ऐलान कर दिया. लेकिन ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने की प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर कांग्रेस चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल क्यों उठा रही है, कांग्रेस को प्रक्रिया से क्या आपत्ति है?....
पहले जानिए मीटिंग में क्या हुआ...
मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से 18 फरवरी को राजीव कुमार रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में नए सीईसी के चयन को लेकर सोमवार को तीन सदस्यीय पैनल की बैठक हुई. इसमें पीएम मोदी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे. इस मीटिंग में ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी. लेकिन राहुल गांधी ने सरकार से सीईसी की नियुक्ति को तब तक स्थगित करने के लिए कहा जब तक कि सुप्रीम कोर्ट नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेता. अब आइए जानते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट में क्या मामला लंबित है.
मोदी सरकार ने बदला था कानून
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल संसद से एक कानून पारित करके मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायधीश को बाहर रखा था. इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती थी और चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश भी होते थे. लेकिन केंद्र सरकार ने ये कानून बदल दिया था. अब CEC और EC की नियुक्ति (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम 2023 के प्रावधानों के तहत की जाती है.
सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से मुख्य न्यायाधीश को बाहर रखने को लेकर ही विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार के इस कदम से पारदर्शिता खत्म हो जाएगी. मुख्य न्यायाधीश को बाहर करने और केंद्र के इस नए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया है.

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