
50 राउंड फायरिंग, 15 लोगों की मौत... सिडनी में हुए 29 साल के सबसे बड़े शूटआउट की Inside Story
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सिडनी के बोंडी बीच के पास आर्चर पार्क में यहूदियों के रौशनी के त्योहार हनुक्का के जश्न के बीच अचानक गोलियों की बौछार ने खुशियों को मातम में बदल दिया. बाप-बेटे ने सुनियोजित तरीके से भीड़ पर फायरिंग कर 15 लोगों की जान ले ली. यह हमला ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में 14 दिसंबर की शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बोंडी बीच के पास आर्चर पार्क में यहूदियों के रौशनी के त्योहार हनुक्का के पहले दिन जश्न के बीच अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई. शाम करीब 6 बजकर 47 मिनट पर फुटब्रिज की दिशा से चली गोलियों ने पूरे पार्क को दहशत में बदल दिया.
हनुक्का के मौके पर सिडनी में रहने वाले यहूदी परिवार बड़ी संख्या में बोंडी बीच के पास इस पार्क में इकट्ठा हुए थे. परंपरा के मुताबिक शाम के वक्त दीये जलाए जा रहे थे. इसी दौरान थोड़ी ऊंचाई पर मौजूद फुटब्रिज से दो हमलावरों ने भीड़ को निशाना बनाते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दीं. पहले तो लोगों को कुछ समझ ही नहीं आया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही एक के बाद एक लोग गिरने लगे, तब अफरा-तफरी मच गई. हमलावर ऊंचाई पर थे. नीचे मौजूद भीड़ उनके आसान निशाने पर थी. ड्रोन कैमरों में सामने आया कि हमलावर और भीड़ के बीच महज 50 मीटर का फासला था. शूटआउट के दौरान लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे. कई लोग रेत पर लेट गए.
कुछ पास के ढांचों के पीछे छिपने लगे. जो बच सके, वो बच गए, लेकिन कई लोग गोलियों की चपेट में आकर वहीं गिर पड़े. इस घटना के वक्त बोंडी बीच पर पुलिस मौजूद थी. शूटआउट की सूचना मिलते ही न्यू साउथ वेल्स पुलिस की अतिरिक्त टीमें मौके पर पहुंचीं और दोनों तरफ से हमलावरों को घेर लिया गया. इसी बीच एक शख्स अहमद ने दिलेरी दिखाई.
उसने अपनी जान की परवाह किए बिना एक शूटर को पीछे से दबोच लिया और उससे हथियार छीन लिया. तभी दूसरे हमलावर ने अहमद पर गोली चला दी, जो उसके कंधे और गर्दन में लगी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मौके पर मारा गया, जबकि दूसरे को गोली लगने के बाद घायल हालत में गिरफ्तार कर लिया गया.

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