
5 बेडरूम बराबर साइज, 4.5 लाख किलो वजन, कैसा है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जहां 9 महीने से फंसी हैं सुनीता विलियम्स
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अमेरिकी स्पेस एंजेसी नासा के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का आकार पांच बेडरूम वाले घर या दो बोइंग 747 जेटलाइनर जितना है. यहां 6 लोगों की टीम और कुछ मेहमान रह सकते हैं. नासा और दुनिया भर के उसके साझेदारों ने 2011 में अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा किया.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन वो अंतरिक्ष में मौजूद वो प्लेटफॉर्म है जहां अंतरिक्ष जाने वाली सवारियां उतरती हैं, यहां पर रहती हैं और विज्ञान के बड़-बड़े एक्सपेरिमेंट करती हैं. लेकिन धरती से यहां की जिंदगी एकदम ही अलग है. आप ये जानकर अचंभित हो सकते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 24 घंटे में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त होता है. ऐसा क्यों होता है हम आपको आगे बताएंगे? भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इसी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 9 महीने से फंसी है और धरती वापसी का इंतजार कर रही हैं.
अगर आप समझते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन अथवा दिल्ली एयरपोर्ट जैसा कोई स्थायी बना हुआ ढांचा है तो आप गलत हैं. दरअसल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कोई स्थिर संरचना नहीं है, बल्कि सतत घुमते रहने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन लगातार पृथ्वी का चक्कर काटते रहता है.
धरती से कितना दूर है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 403 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगाता रहता है. इस दौरान इसमें अंतरिक्ष यात्री मौजूद रहते हैं. यानी कि सुनीता विलियम्स पिछले 9 महीनों से लगातार पृथ्वी के चक्कर लगा रही है. इसका एक मतलब यह भी है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती से 403 किलोमीटर की दूरी पर है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की स्पीड
लेकिन सबसे दंग करने वाला है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की स्पीड. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 17500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. इसे किलोमीटर में कहें तो इसका मतलब ये होगा कि 28163 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा करता है.

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