
150% से 250% तक... अब फार्मा सेक्टर पर भी टैरिफ थोपेंगे ट्रंप, भारत को बड़े नुकसान की आशंका
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मास्यूटिकल आयात पर भारी टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जो 18 महीनों में 150% और बाद में 250% तक बढ़ाई जाएगी. इस कदम का लक्ष्य घरेलू उत्पादन बढ़ाना है, लेकिन इससे भारत को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि अमेरिका भारत के कुल फार्मास्यूटिकल निर्यात का 31% खरीदता है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में अमेरिका के फार्मास्यूटिकल आयात पर भी टैरिफ लगाने की अपनी योजना का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पहले एक "छोटा टैरिफ" लगाया जाएगा, जिसे 18 महीनों में बढ़ाकर 150% और बाद में इसे 250% तक बढ़ाया जाएगा. इसका मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर और चिप्स पर टैरिफ का ऐलान "अगले हफ्ते या उसके आसपास" की जाएगी, हालांकि इस पर उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी. अमेरिका वर्तमान में फार्मास्यूटिकल सेक्टर की नेशनल सिक्योरिटी समीक्षा कर रहा है. उद्योग जगत को इस सेक्टर-विशेष टैरिफ की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा गया है, लेकिन प्रशासन ने इस समीक्षा के परिणाम जारी करने की तारीख अभी तय नहीं की है.
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मसलन, रूसी ऑयल इंपोर्ट से नाराज ट्रंप ने अब भारत के की सेक्टर - फार्मास्यूटिकल को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई है. अमेरिका के पास फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स में 115.5 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है. ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया था कि वह 2026 में इस घाटे को टैरिफ के जरिए संतुलित करने की कोशिश कर सकता है. हालांकि, ट्रंप ने इसी साल इसकी योजना बनाई है. अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल इंपोर्टर और दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.
फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स का इन देशों से अमेरिका करता है इंपोर्ट
2024 में, अमेरिका का मेडिसिनल और फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स का इंपोर्ट 234 बिलियन डॉलर तक रहा था. अमेरिका को टॉप 10 एक्सपोर्टर्स में आयरलैंड सबसे आगे रहा (65.7 बिलियन डॉलर, कुल आयात का 28.1%), इसके बाद स्विट्जरलैंड (19.3 बिलियन डॉलर, 8.2%) और जर्मनी (17.4 बिलियन डॉलर, 7.4%) का स्थान रहा. अन्य प्रमुख सप्लायर में सिंगापुर, भारत, बेल्जियम, इटली, चीन, ब्रिटेन और जापान शामिल थे. इनमें भारत से आयात 13 बिलियन डॉलर का था, जो कुल आयात का 6% रहा था.

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