हिंदू धर्म के नाम पर ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा को लोगों पर थोपा जा रहा है: मल्लिका साराभाई
The Wire
तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और कार्यकर्ता मल्लिका साराभाई ने कोलकाता साहित्य महोत्सव के समापन पर कहा कि कोलकाता आकर विभिन्न धर्मों के लोगों को वास्तव में साथ-साथ रहते देख बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे गुजरात में, अहमदाबाद में ऐसा नहीं दिखता.
कोलकाता: प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और कार्यकर्ता मल्लिका साराभाई ने रविवार को देश में ‘आदर्शों के पूर्ण विनाश’ पर निराशा व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि हिंदू धर्म के नाम पर ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा को लोगों पर थोपा जा रहा है.
तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित 68 वर्षीय साराभाई ने कोलकाता में एपीजे कोलकाता साहित्य महोत्सव के समापन दिवस पर अपने जीवन, करिअर और नृत्य जगत में सफर पर आधारित सत्र में कहा कि हिंदू धर्म वास्तव में प्रश्न पूछने के बारे में है.
उन्होंने कहा, ‘आज मैं अपने आसपास जो कुछ भी देख रही हूं, वह मुझे पूरी तरह से परेशान कर रहा है. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत में हमारे आदर्शों का पूर्ण विनाश होगा और विज्ञापन और ब्रांड-निर्माण की चमक में इतने सारे लोग अंधे हो जाएंगे.’
साराभाई ने कहा, ‘कोलकाता आकर विभिन्न धर्मों के लोगों को वास्तव में साथ-साथ रहते देख बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे गुजरात में, अहमदाबाद में ऐसा नहीं दिखता.’