
'हम टैरिफ के प्रभावों की बारीकी से जांच कर रहे', ट्रंप के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया, कहा- अमेरिका से बातचीत जारी
AajTak
वाणिज्य मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हम भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों और निर्यातकों समेत सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा कर रहे हैं, ताकि टैरिफ के आकलन और उनके प्रभाव को समझा जा सके. मंत्रालय इस बदलाव से उत्पन्न संभावित अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) को लेकर भारत सरकार ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है. गुरुवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि हम टैरिफ के प्रभावों की बारीकी से जांच कर रहे हैं, इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत जारी है.
वाणिज्य मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हम भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों और निर्यातकों समेत सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा कर रहे हैं, ताकि टैरिफ के आकलन और उनके प्रभाव को समझा जा सके. मंत्रालय इस बदलाव से उत्पन्न संभावित अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है.
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार भारत और अमेरिका की व्यापार टीमें एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रही हैं. इन वार्ताओं में सप्लाई चेन एकीकरण, इन्वेस्टमेंट ग्रोथ और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसे कई मुद्दों को शामिल किया गया है.
अमेरिका ने भारत पर 27% अतिरिक्त टैरिफ लगाया अमेरिका ने भारत पर 27% का रैसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ में 5 अप्रैल 2025 से अमेरिका में सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन शुल्क और 10 अप्रैल 2025 से अतिरिक्त 17% शुल्क लगाया जाएगा. ये टैरिफ अमेरिका की व्यापक व्यापार नीति का हिस्सा हैं, जो कई देशों, विशेष रूप से भारत को प्रभावित करेगा.
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) जारी कर सभी व्यापारिक साझेदारों से इंपोर्ट पर 10% से 50% तक के अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं. इस आदेश के अनुच्छेद I के अनुसार भारतीय आयात पर अतिरिक्त 27% शुल्क लगाया गया है.
भारत सरकार की उच्च स्तरीय बैठक

ओला और ऊबर जैसी प्राइवेट कैब कंपनियों को चुनौती देने के लिए बाजार में एक नया एप आधारित कैब प्रोवाइडर 'भारत टैक्सी' आया है जो देश का पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड हैडलिंग प्लेटफॉर्म है. भारत टैक्सी को खासकर इस वजह से लाया गया है ताकि ओला-ऊबर जैसी बड़ी कंपनियों की मनमानी और बाजार में बढ़ते दबाव को रोका जा सके.

बांग्लादेश में पिछले साल उठी चिंगारी अब ज्वालामुखी में बदल चुकी है, जिसमें अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्याओं से लेकर भारत विरोधी भावनाओं तक सब शामिल है. बांग्लादेश में हिंसक भीड़ ने एक हिंदू मजदूर की पीट-पीट कर हत्या कर दी, और पुलिस-सेना के सामने नाच-नाच कर जश्न मनाया. दूसरी तरफ, वहां अज्ञात लोगों ने छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या कर दी. जिसके बाद बांग्लादेश में हिंसा, आगजनी और बवाल फिर से शुरू हो गया. देखें ब्लैक एंड व्हाइट.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठाया जिससे सदन में भरोसे और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए. सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर भरोसे की कमी है. कांग्रेस ने आपत्ति जताई, लेकिन सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं. इस विवाद के बीच सियासी पारा गरमाया और सदन में बहस का माहौल बना.

मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया का नाम लेकर योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव को घेरते रहे. अब अखिलेश यादव कोडीन कफ सिरप की नशे के लिए अवैध तस्करी के आरोप में पकड़े गए अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह और फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल संग बाहुबली नेता धनंजय सिंह की तस्वीर का जिक्र करके योगी सरकार को घेरने में लगातार जुटे हैं. देखें ख़बरदार.

कभी प्रभु राम को काल्पनिक बताने जैसी सीमा लांघी गई थी तो अब राम का धर्म और उनकी जाति ढूंढ़ने वाले भी आ गए हैं. ममता के करीबी TMC के विधायक मदन मित्रा ने दावा किया कि प्रभु राम 'मुस्लिम' थे. चंद महीनों में बंगाल में चुनाव हैं. ऐसे में इस बयान की टाइमिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सवाल है कि क्या मुस्लिम वोट के लिए प्रभु राम के नाम पर सियासत हो रही है? देखें हल्ला बोल.

पराली जलाने के बिना भी राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के पीछे ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री और धूल जैसे स्थानीय कारण मुख्य हैं, सरकार और समाज की सामूहिक विफलता के कारण दिल्लीवासी प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. अब समय है कि हम अपनी आदतों में बदलाव करें और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं.







