
सड़कें बनीं समंदर, नाव में महिलाएं-बच्चे, पीठ पर पालतू जानवर... मणिपुर में बारिश के बाद हाहाकार, 7 तस्वीरें
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मणिपुर में अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है, 1,599 लोगों को निकाला गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है. राज्य भर में 47 जगहों पर भूस्खलन हुआ है. हालांकि, किसी के मरने या लापता होने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है.
भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में पिछले कुछ दिनों लगातार बारिश होने की वजह से लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राहत एवं आपदा प्रबंधन विभाग के नवीनतम अपडेट के मुताबिक, लगातार बारिश के बाद सूबे के बड़े इलाके बाढ़ से जूझ रहे हैं, जिससे 19,800 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
सूबे की प्रमुख नदियां- इंफाल और इरिल उफान पर हैं और कई जगहों पर बांध टूट रहे हैं, जिससे आसपास के इलाकों में पानी भर गया है. मणिपुर में नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर तक थोड़ा कम हो गया है, लेकिन ज्यादातर नदियों में जल स्तर उच्च बाढ़ के निशान से ऊपर बना हुआ है.
राज्य में अब तक 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है, 1,599 लोगों को निकाला गया है और 11.8 हेक्टेयर कृषि भूमि नष्ट हो गई है. राज्य भर में 47 जगहों पर भूस्खलन हुआ है. हालांकि, किसी के मरने या लापता होने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है.
राज्य सरकार ने विस्थापित नागरिकों को आश्रय देने के लिए 37 राहत शिविर खोले हैं. जल संसाधन विभाग ने जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश में कमी की सूचना दी है, सोमवार को दोपहर 1 बजे तक कांगपोकपी में 11.50 मिमी वर्षा दर्ज की गई. इंफाल में स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि नदी के टूटने से खतरा बना हुआ है. नदियों के किनारे टूटने के बाद स्थिति को बहाल करने और बाढ़ को रोकने के लिए आपातकालीन मरम्मत कार्य चल रहे हैं.
जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में बाढ़ के पानी ने भूतल के वार्डों को प्रभावित किया है, जिसके कारण मरीजों को क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) और अन्य सुलभ जिला अस्पतालों जैसे नजदीकी सुविधाओं में ले जाया गया है.
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