
शिंदे के गढ़ में गरजे उद्धव ठाकरे, बोले- आप लोगों का खून नहीं वोट चाहिए
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महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद उद्धव ठाकरे पहली बार सीएम एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे पहुंचे. वहां पर उन्होंने लोगों से सीधे-सीधे वोट करने की अपील की है. उनकी तरफ से शिवसेना के दिग्गज नेता दिवंगत आनंद दिघे को भी याद किया गया है.
महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे अभी भी अपनी सियासी जमीन बचाने की कवायद में लगे हुए हैं. सत्ता जरूर हाथ से गई है, लेकिन वे अभी भी जमीन पर लगातार काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ से लोगों को बड़ा सियासी संदेश दिया है. उस संदेश में लोगों से वोट करने की अपील की गई है. जोर देकर कहा गया है कि अगर जनता का वोट उन्हें मिल गया तो बाकी सब वे संभाल लेंगे.
उद्धव का क्या सियासी संदेश?
जानकारी के लिए बता दें कि उद्धव ठाकरे मेडिकल कैंप के उद्घाटन के लिए ठाणे गए थे. अब वहां पर उन्होंने उस मेडिकल कैंप का तो आयोजन किया ही, इसके अलावा एक बड़ा सियासी दांव भी चला. उनकी तरफ से दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे की मूर्ति पर माला चढ़ाई गई. अब ठाणे में आनंद दिगे की लोकप्रियता जबरदस्त रही और बाद में वे सीएम एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु भी बन गए. ऐसे में उन्हीं आनंद दिघे का सहारा लेकर उद्धव ने ठाणे की जनता के सामने एक भावुक अपील की. उन्होंने सीधे-सीधे उनसे समर्थन मांगा. एक नई सियासी पारी के लिए मदद मांगी.
उद्धव की लोगों से क्या अपील?
लोगों को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि आप लोग मुझसे कहते हैं कि आप मुझे अपना खून देंगे. लेकिन मुझे आपका खून नहीं चाहिए. मुझे तो आप अपने वोट दे दीजिए. बाकी सब तो हम संभाल लेंगे. मैं ये भी साफ कर दूं कि मैं यहां कोई अतिथि बनकर नहीं आया हूं. मैं कोई मेहमान नहीं हूं. मैं तो आपके ही परिवार का एक हिस्सा हूं. अब उद्धव ठाकरे का लोगों का जब वोट करने की अपील करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन सीएम शिंदे के गढ़ से ऐसा करना मायने रखता है. बड़ी बात ये भी है कि सत्ता परिवर्तन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब उद्धव एक राजनीतिक दौरे पर निकले हैं. पहले कहा जा रहा था कि वे आनंद दिघे के आश्रम में भी जा सकते हैं. लेकिन बाद में उनके प्लान में बदलाव हुआ और वे वहां नहीं गए.

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