
व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना, टैरिफ बाधाओं को कम करना... भारत-यूएस ट्रेड टॉक की बड़ी बातें
AajTak
चार दिवसीय बैठक में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर व्यापक चर्चा हुई. भारत के वाणिज्य विभाग और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, बाजार पहुंच बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करने जैसे प्रमुख विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से आयोजित भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता संपन्न हुई. 26 से 29 मार्च तक नई दिल्ली में हुईं इन हाईलेवल मीटिंग्स में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य पर चर्चा की.
चार दिवसीय बैठक में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर व्यापक चर्चा हुई. भारत के वाणिज्य विभाग और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, बाजार पहुंच बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करने जैसे प्रमुख विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया.
पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा के बाद हुआ निर्णायक संवाद इस बैठक का आयोजन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की हालिया अमेरिका यात्रा के बाद हुआ, जहां उन्होंने 4 से 6 मार्च 2025 तक वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विस्तृत वार्ता भी हुई थी.
भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को नई दिशा इस व्यापार वार्ता ने भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को और मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है. दोनों देशों ने व्यापार सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों को अपनाने और द्विपक्षीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने पर सहमति जताई.BTA पर जल्द होगा अंतिम निर्णय
बैठक के समापन पर दोनों देशों ने चर्चा के परिणामों पर संतोष व्यक्त किया और BTA को जल्द अंतिम रूप देने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई. आगामी महीनों में होने वाली आगे की बातचीत और उच्च स्तरीय बैठकों के बाद यह समझौता वैश्विक व्यापारिक सहयोग में एक नया अध्याय जोड़ सकता है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







