
वक्फ बिल पर तुष्टिकरण v/s संतुष्टिकरण... ऐसे क्या बदलाव कर रही सरकार जिससे धरने पर उतर आए विपक्षी सांसद
AajTak
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के बहाने केंद्र सरकार में अहम सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चेतावनी दी है कि अगर उन लोगों ने वक्फ बिल का समर्थन किया तो जब तक दुनिया है, तब तक भारत के मुसलमान ये बात याद रखेंगे. उधर, JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कह दिया है कि ये सिर्फ राजनीतिक विरोध है. अभी बिल आया भी नहीं है, लेकिन विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है.
वक्फ बिल पर सड़क पर संग्राम शुरू हो गया है. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है और अगले हफ्ते वक्फ संशोधन बिल को सदन में पेश किया जा सकता है. ये बिल 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश हुआ था, लेकिन इस पर हंगामे के बाद बिल को जेपीसी के पास भेज दिया गया था. लेकिन अब सरकार कभी भी इस बिल को पारित कराने के लिए लोकसभा में ला सकती है. इस बिल से मुस्लिम संगठनों से लेकर विपक्षी दल नाराज हैं. उनका आरोप है कि सरकार बिल के जरिए वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ विपक्ष मजबूती से खड़ा दिख रहा है. जिससे मोदी सरकार को घेरा जा सके.
वहीं, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के बहाने केंद्र सरकार में अहम सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चेतावनी दी है कि अगर उन लोगों ने वक्फ बिल का समर्थन किया तो जब तक दुनिया है, तब तक भारत के मुसलमान ये बात याद रखेंगे. उधर, JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कह दिया है कि ये सिर्फ राजनीतिक विरोध है. अभी बिल आया भी नहीं है, लेकिन विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है.जंतर-मंतर पर विपक्ष का प्रदर्शन
बता दें कि देश में वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति है और दूसरा हैरान करने वाला तथ्य ये है कि रेलवे और डिफेंस के बाद वक्फ बोर्ड के पास देश में सबसे ज्यादा संपत्ति है. फिलहाल वक्फ बिल पर सदन से सड़क तक सियासी संग्राम शुरू हो गया है. आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी के साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कई मुस्लिम सांसद भी शामिल हुए. लेकिन खास बात ये है कि वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में हिंदूवादी संगठनों ने भी प्रदर्शन किया.
वक्फ संशोधन बिल पर आर-पार की जंग
अब बीजेपी और विपक्ष में वक्फ संशोधन बिल पर आर-पार की जंग तेज हो गई है. एक ओर जहां असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को अराजकता फैलाने वाला करार दे दिया. वहीं, वक्फ बिल के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने संसद से सड़क तक आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए इसे मुसलमानों के खिलाफ बताया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सुर में सुर मिलाते हुए विपक्ष कह रहा है कि वक्फ की सुरक्षा और पारदर्शिता के नाम पर वक्फ की संपत्ति पर कब्जा करने की साजिश हो रही है. हालांकि बीजेपी कह रही है कि कानून संसद में बनता है जंतर मंतर पर नहीं. बीजेपी ये भी कह रही है कि विपक्ष इस मुगालते में ना रहे कि प्रदर्शन की आड़ में दूसरा शाहीन बाग खड़ा कर देगा. तो कांग्रेस कह रही है कि अपने संवैधानिक हक की हत्या नहीं होने देंगे.
क्या है विवाद की वजह? अब विवाद की वजह भी समझ लीजिए. वक्फ यानी कोई भी चल या अचल संपत्ति, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है. इस दान की हुई संपत्ति का कोई भी मालिक नहीं होता... इसीलिए इस्लाम अल्लाह को इस संपत्ति का मालिक मानता है... लेकिन, इस संपत्ति को संचालित करने के लिए वक्फ बोर्ड जैसे संस्थान बनाए गए हैं. बहरहाल वक्फ संशोधन बिल पर अब बीजेपी और विपक्ष में तुष्टिकरण बनाम संतुष्टिकरण की जंग तेज होती जा रही है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.







