
'लोग हमें छोड़ Dolly Chaiwala संग सेल्फी ले रहे थे...', हॉकी खिलाड़ी का दर्द
AajTak
भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि जब वह और उनकी ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता टीम एयरपोर्ट पर थी, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पूरी तरह अनदेखा कर दिया.
भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि जब वह और उनकी ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता टीम एयरपोर्ट पर थी, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पूरी तरह अनदेखा कर दिया. वहां के लोगों ने डॉली चायवाला के साथ सेल्फी लेने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई, इस घटना ने सोशल मीडिया पर खेलों के प्रति लोगों के नजरिए को लेकर बड़ी बहस छेड़ दी है, खासकर क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में खिलाड़ियों की पहचान और सम्मान को लेकर.
हार्दिक सिंह, जो पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत की कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा थे, ने SMTV के यूट्यूब चैनल पर एक पॉडकास्ट इंटरव्यू के दौरान इस घटना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर वह हारमनप्रीत सिंह और मनदीप सिंह जैसे सितारों के साथ मौजूद थे, लेकिन वहां लोगों ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया और डॉली चायवाला के साथ सेल्फी खिंचवाने में मशगूल हो गए.
देखें वीडियो
हार्दिक ने इंटरव्यू में कहा-हम पांच-छह लोग थे. हारमनप्रीत, मनदीप और मैं. लोग हमें पहचानने के बजाय डॉली चायवाला के साथ फोटो खिंचवा रहे थे. हारमनप्रीत ने भारत के लिए 150 से ज्यादा गोल किए हैं. मनदीप के पास 100 से अधिक फील्ड गोल हैं, फिर भी हमें किसी ने नहीं पहचाना.
इस वीडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने अपनी नाराजगी जताई. एक यूजर ने लिखा-यह बेहद दुखद है कि हमारे देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को कोई नहीं पहचानता और एक चाय बेचने वाले को इतनी तवज्जो मिल रही है. वहीं कुछ लोगों ने कहा-यह दिखाता है कि हमें सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि सभी खेलों का सम्मान करना चाहिए.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









