
रेणुकास्वामी मर्डर केस: जमानत पर रिहा कन्नड़ एक्टर दर्शन आर्म्स लाइसेंस के लिए हाईकोर्ट पहुंचे
AajTak
रेणुकास्वामी मर्डर केस में जमानत पर चल रहे कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा ने अपने आर्म्स लाइसेंस के अस्थायी निलंबन को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि दर्शन एक मशहूर एक्टर हैं. इस वजह से उनको और उनके परिवार पर जान का खतरा लगातार बना रहता है.
रेणुकास्वामी मर्डर केस में जमानत पर चल रहे कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा ने अपने आर्म्स लाइसेंस के अस्थायी निलंबन को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि दर्शन एक मशहूर एक्टर हैं. इस वजह से उनको और उनके परिवार पर जान का खतरा लगातार बना रहता है. ऐसे में उनके आर्म्स लाइसेंस को बहाल किया जाना चाहिए.
पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्टर दर्शन को हाई प्रोफाइल रेणुका स्वामी मर्डर केस में जमानत दी थी. हाईकोर्ट के इस फैसले को कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी. लेकिन इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने दर्शन थुगुदीपा, पवित्रा गौड़ा सहित पांच आरोपियों को राहत दे दी. कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया.
बताते चलें कि एक्टर दर्शन थुगुदीपा, उनकी महिला मित्र पवित्रा गौड़ा सहित 17 लोगों पर रेणुकास्वामी के मर्डर का आरोप है. इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने 3991 पेज की चार्जशीट दाखिली की थी, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए थे. इसमें बताया गया कि दर्शन और उनके साथियों ने रेणुकास्वामी के साथ बहुत बर्बरता की थी. दर्शन ने रेणुकास्वामी के प्राइवेट पार्ट पर लात मारी थी.
इतना ही ही नहीं उसके सिर और छाती पर भी जोरदार हमला किया था. रेणुकास्वामी को बेंगलुरु के पट्टनगेरे के एक शेड में रखा गया था. वारदात वाले दिन शाम 4.30 बजे पवित्रा गौड़ा, विनय और प्रदोष स्कॉर्पियो कार में वहां गए. इसके बाद एक्टर दर्शन भी वहां पहुंचे. उससे पहले पीड़ित की अन्य आरोपियों ने खूब पिटाई की थी. वहां जाते ही दर्शन ने रेणुकास्वामी का मोबाइल चेक किया.
उसमें अश्लील तस्वीरें देखने के बाद उस पर लातों की बरसात कर दी. दर्शन की मार की वजह से पीड़ित जमीन पर गिर गया. इसके बाद एक्टर ने अपना एक पैर उसकी छाती पर रखा और जोर से धक्का दिया. फिर उसके सिर के बाएं हिस्से पर अपने जूते से जोर से मारा. इस हमले से उसके बाएं कान पर गंभीर चोटें आईं. इतने से भी मन नहीं भरा तो पीड़ित की पैंट उतारने के लिए कह दिया.
दूसरे आरोपी पवन को रेणुकास्वामी की पैंट उतार दी. फिर उसके प्राइवेट पार्ट पर अपने जूते से जोरदार प्रहार किया. पुलिस पूछताछ में दर्शन ने बताया था, "मैं पवित्रा गौड़ा के साथ 10 साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हूं. वो मेरे आरआर नगर के घर से 1.5 किलोमीटर दूर रहती हैं. मुझे 8 जून को दोपहर 3 बजे रेणुका के अपहरण के बारे में पता चला, जब मैं स्टोनी ब्रूक में था.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







