
रूस ने अपने अहम फैसले में 'भारतीय अधिकारी' का नाम लेकर चौंकाया
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यूक्रेन के डोनबास इलाके को अपने देश में शामिल करने के लिए हाल में ही वहां जनमत संग्रह करवाया है. वहां की मीडिया ने व्यापक रूप से साझा किए गए रूस के आधिकारिक संदेश में कहा कि ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, सीरिया, टोगो, स्पेन, कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका, घाना, सर्बिया, भारत, आइसलैंड के प्रतिनिधि और लातविया के प्रतिनिधि डोनेट्स्क और मेकेवका में मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद थे.
यूक्रेन के डोनबास इलाके में हुए जनमत संग्रह में एक भारतीय अधिकारी की कथित मौजूदगी पर विवाद शुरू हो गया है.
रूसी मीडिया की तरफ से कहा गया कि डोनबास में जनमत संग्रह के दौरान पर्यवेक्षक के तौर पर भारत का एक अधिकारी भी मौजूद था.
रूस ने यूक्रेन के इस इलाके को अपने देश में शामिल करने के लिए हाल में ही वहां जनमत संग्रह करवाया है.
वहां की मीडिया ने व्यापक रूप से साझा किए गए रूस के आधिकारिक संदेश में कहा कि ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, सीरिया, टोगो, स्पेन, कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका, घाना, सर्बिया, भारत, आइसलैंड के प्रतिनिधि और लातविया के प्रतिनिधि डोनेत्सक और मेकेवका में मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद थे.
रूस और यूक्रेन की जंग शुरू होने के बाद से भारत लगातार रूस और यूक्रेन एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह करता रहा. ऐसे में भारत के एक अधिकारी की जनमत संग्रह में मौजूदगी ने नए विवाद को जन्म दे दिया है.
भारत का हालांकि इस जनमत संग्रह पर फिलहाल तटस्थ रुख है. रूस ने अपने बयान में पूर्णिमा आनंद नाम की एक अधिकारी का नाम लिया है और कहा है कि वह जनमत संग्रह के दौरान भारत से एक पर्यवेक्षक के रूप में वहां मौजूद थीं.

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