
'रावण-मेघनाथ-कुंभकरण' भी महंगे... महंगाई की ऐसी मार, कारीगर-खरीदार बेहाल
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रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का जो पुतला पहले 15 हजार रुपये में मिल जाता था, अब वही पुतला 25 से 30 हजार रुपये तक बिक रहा है. इसको लेकर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलो के खरीदार परेशान हैं. वहीं जो इन पुतलों को बनाने वाले भी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.
महंगाई का असर इस बार रावण, मेघनाथ और कुंभकरण पर भी पड़ रहा है. जीएसटी लगने की वजह से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले के दाम में काफी इजाफा हुआ है. यानी दशहरा में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों को जलाना अब रामलीला कमेटियों के लिए काफी महंगा सौदा हो गया है.
रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का जो पुतला पहले 15 हजार रुपये में मिल जाता था, अब वही पुतला 25 से 30 हजार रुपये तक बिक रहा है. इसको लेकर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलो के खरीदार परेशान हैं. वहीं जो इन पुतलों को बनाने वाले भी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि पुतले महंगे होने के कारण बिक्री में गिरावट आई है.
कारीगरों का कहना है कि इस साल रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतलों पर लगी जीएसटी के कारण इनके दाम पिछले सालों से काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं, जो पुतला 15 हजार रुपये में बेचते थे, अब वही पुतला 25 से 30 हजार रुपये में बेचना पड़ रहा है, पुतला महंगा होने के कारण अब डिमांड कम आ रही है.
कारीगर ने बताया कि बांस पर 5 फीसदी और रोगनी कागज पर 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी जीएसटी करने से इस बार रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतलों के दाम दोगुना हो गए हैं. कारीगर को एक पुतला तैयार करने में कम से कम 3 दिन लगते हैं. कारीगर ने कहा कि सामान के दाम बढ़ने से ग्राहक रेट कम दे रहे हैं, जिससे हमारा मेहनताना कम हो गया है.
कारीगर जोगिंदर पाल का कहना है कि 30 फीट ऊंचा रावण, मेघनाथ, कुंभकरण का पुतला पहले 15 हजार में तैयार कर देते थे लेकिन अब महंगाई इतनी बढ़ गई है कि यह 30 हजार रुपए में बनाकर दिया जा रहा है, धार्मिक अस्था से जुडे सामान मार्केट में सस्ता होना चाहिए ताकि धार्मिक आस्था से जुडे लोगों की डिमांड को पूरा किया जा सके.

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