
'ये जनता के गुस्से का प्रकोप है...', बांग्लादेश की विरासत जलाने पर भी ओछी राजनीति कर गए मोहम्मद यूनुस
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ढाका में बंगबंधु के घर से आग निकल रही है. कुछ लोग हथौड़े से छत तोड़ रहे हैं. समय लगभग आधी रात का है. बाहर सड़क पर 400-500 लोगों की भीड़ अपने राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के घर को दंगाइयों के हाथों जलते-लुटते देख रही है. वो राष्ट्रपिता जिन्होंने ही एक आजाद मुल्क के रूप में बांग्लादेश का सपना देखा था.
समय- रात 11.45, स्थान- ढाका. दिन- गुरुवार. बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान का घर धानमंडी-32 धीरे-धीरे खाक में तब्दील हो रहा है. इमारत से आग निकल रही है. बाहर करीब 500-600 लोगों की भीड़ है. ये वो भीड़ है जो उस शख्स के घर को जलता हुआ देख ताली बजा रही थी जिन्होंने सबसे पहले एक अलग राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का सपना देखा था.
शेख मुजीबुर्रहमान के घर के परिसर में कम से कम 100 लोग मौजूद थे. कुछ लोग हथौड़ों की मदद से इमारत को तोड़ रहे थे, कुछ ईंटों और छड़ों को अलग कर रहे थे.
लाउडस्पीकरों का उपयोग करते हुए, छात्र संगठनों की आड़ लिए ये गुंडे 15 साल के शासन के दौरान अवामी लीग द्वारा कथित रूप से किए गए सभी गलत कामों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे.
जलता रहा बंगबंधु का आवास, पार्टी करती रही लुटेरी भीड़
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के विरासत की हिफाजत के लिए मोहम्मद यूनुस सरकार का एक कॉन्स्टेबल भी वहां मौजूद नहीं था.
बांग्लादेश के 24 जिलों में गुरुवार दिन-रात हिंसा होती रही. निशाने पर रहे शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के नेता. छात्र संगठनों की आड़ लिए गुंडे आवामी लीग के नेताओं के घर जला रहे हैं. बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान की पेंटिग्स जलाई जा रही हैं, प्रतिमाएं तोड़ी जा रही है या फिर इन प्रतिमाओं को काले रंगों से रंगा जा रहा है.

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