
यूपीः खतौली में जयंत की सोशल इंजीनियरिंग, जिसके आगे चारों खाने चित हो गई भाजपा
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उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर पर हुए उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को आ गए. खतौली सीट पर रालोद ने बीजेपी को मात दे दी है. आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने न सिर्फ इस सीट पर कमाल दिखाया है बल्कि नया राजनीतिक प्रयोग करके 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की नई राह भी खोल दी है.
पश्चिम यूपी की सियासत का कुरुक्षेत्र बनी मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर आरएलडी ने जोरदार तरीके से सियासी चक्रव्यूह रचा, जिसे बीजेपी भेद नहीं पाई. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने खतौली उपचुनाव में गुर्जर समाज के मदन भैया को उतारकर नया दांव चल दिया, जिसके आगे बीजेपी चारो खाने चित हो गई. मदन भैया ने बीजेपी की प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को 22 हजार मतों से शिकस्त देकर खतौली सीट अपने नाम कर ली तो जयंत चौधरी ने इसी बहाने पश्चिमी यूपी में बीजेपी के खिलाफ नई सोशल इंजीनियरिंग को एक रूप दे दिया.
खतौली विधानसभा उपचुनाव में आरएलडी अध्यक्ष जयंत सिंह और बीजेपी के दिग्गज जाट नेता व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. ऐसे में जयंत ने बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए चार बार के विधायक रह चुके मदन भैया को गाजियाबाद से ले जाकर खतौली सीट पर चुनाव लड़ाया, जिनका मुकाबला बीजेपी के विधायक रहे विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी से था.
जयंत ने जाट-मुस्लिम तक अपनी पार्टी को सीमित रखने के बजाय पश्चिमी यूपी में सियासी समीकरण को देखते हुए खतौली सीट पर नया राजनीतिक प्रयोग किया. खतौली सीट पर सैनी कैंडिडेट उतारने के बजाय गुर्जर समाज के मजबूत नेता मदन भैया को उतारा और चंद्रशेखर आजाद के जरिए दलित समुदाय के वोटों का साधने का दांव चला. जयंत का यह सियासी प्रयोग बीजेपी के लिए चिंता सबब बन गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के तमाम नेताओं ने खतौली सीट पर प्रचार किया. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने डेरा जमाए रखा. इसके बाद भी बीजेपी उम्मीदवार राजकुमार सैनी को जीत नहीं दिला सके. खतौली सीट पर मदन भैया को 97071 वोट मिले तो बीजेपी राजकुमारी सैनी को 74906 वोट मिले. इस तरह से मदन भैया ने 22160 मतों से जीत दर्ज की.
खतौली सीट पर मदन भैया की जीत के साथ ही आरएलडी ने मुजफ्फरनगर की एक और सीट बीजेपी से छीन ली है और अब जिले में सपा-आरएलडी गठबंधन की पांच सीटें हो गई हैं. आरएलडी के यूपी में अब 9 विधायक हैं. भले ही उपचुनाव में आरएलडी ने एक सीट जीती हो, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिली यह जीत पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में जयंत के लिए सियासी संजीवनी से कम नहीं है.
खतौली सीट मुजफ्फरनगर जिले में आती है और बीजेपी दो बार से यह सीट जीत रही थी. मुजफ्फरनगर दंगे मामले में विक्रम सैनी को सजा हुई है. ऐसे में जयंत चौधरी ने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर विक्रम सैनी की सदस्यता ही खत्म नहीं कराई बल्कि सीट भी बीजेपी के हाथों से छीन ली है. आरएलडी यह सीट तब जीती है जब बीजेपी सूबे की सत्ता में है. यह जयंत चौधरी के जितनी अहम है उतनी ही बीजेपी के लिए सियासी झटके की तरह है.

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