यूक्रेन पर हमला करके घर में ही घिरे पुतिन! जंग के खिलाफ प्रदर्शन, हिरासत में 1700 रूसी नागरिक
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रूस की राजधानी मॉस्को में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए. ये प्रदर्शनकारी यूक्रेन पर हमले का विरोध कर रहे थे. रूसी पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 1700 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन के लिए सहानुभूति रखने वाले प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन न करने की चेतावनी भी दी.
रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया. रूसी सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन के 83 सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया. इनमें 11 एयरबेस भी शामिल हैं. रूसी सेना ने पहले दिन के हमले को सफल बताया है. उधर, यूक्रेन में हमले को लेकर नाटो समेत दुनिया के तमाम देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया. इतना ही नहीं राजधानी मॉस्को में भी यूक्रेन पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
डीसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) वीरेंद्र विज ने बताया कि शिक्षक संजू वर्मा ने लड़की को पहले इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद आरोपी शिक्षक ने ऐप पर उसे "अश्लील" मैसेज भेजने शुरू कर दिए. मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.