
'युवाओं को रोजगार दो नशा नहीं', J-K में डिपार्टमेंटल स्टोर पर बीयर बेचने के फैसले का खुला विरोध
AajTak
J&K में शिवसेना, बजरंग दल और भाजपा के लोग प्रशासन के एक फैसले का विरोध कर रहे हैं. यह फैसला डिपार्टमेंटल स्टोर में बीयर बेचने से जुड़ा हुआ है. दरअसल राज्य में प्रशासन ने बीयर बेचने की अनुमति का फैसला लिया है. शिवसैनिक और तमाम हिंदू दल इसे रोल बैक करने की मांग कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का एक फैसला इन दिनों विवादों में है. दरअसल राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और ऐल्कोहॉल युक्त ड्रिंक्स उपलब्ध कराने को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. शिवसेना की जम्मू कश्मीर इकाई इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है. शिवसेना ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल प्रभाव से अपने इस फैसले को रोल बैक करने की मांग की है.
शिवसैनिकों ने किया फैसले का विरोध
पार्टी प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी के नेतृत्व में एकत्रित शिव सैनिकों ने पार्टी मध्यवर्ती कार्यालय जम्मू के पास हाथों में मशाल एवं 'युवाओं को रोजगार दो नशा नहीं', 'मंदिरों के शहर की गरिमा कायम रखो' आदि प्लेकार्ड पकड़ जम्मू कश्मीर प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. साहनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिरों, ऋषि-मुनियों, देवी-देवताओं और पीर पैगंबरों की धरती पर मदिरा की नदियां बहाने और छोटे-मझोले दुकानदारों का धंधा बंद करने के साथ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की साजिशें रची जा रही हैं.
तत्काल फैसला वापस लेने की मांग
साहनी ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय लोगों के साथ लगातार विश्वासघात हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश में खुल रहे बड़े व्यापारियों के बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर्स को फायदा पहुंचाने की एक सोची समझी साजिश है. जिसे शिवसेना कतई सहन नहीं करेगी और इसके खिलाफ एक विशाल जन आंदोलन होगा. साहनी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल प्रभाव से इस फैसले को रोल बैक करने की मांग की है. इस मौके पर महासचिव विकास बख्शी, अध्यक्ष कामगार विंग राज सिंह, युवा सचिव राजेश हांडा, सचिव मंगू राम, विशाल, गारु राम, सुशील समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
बजरंग दल ने भी किया फैसले का विरोध

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







